चेकिंग दस्ते में माफिया के मुखबिर
कानपुर, जागरण संवाददाता : केंद्र सरकार ओवरलोड ट्रकों को रोककर सड़कें क्षतिग्रस्त होने से बचाने की तम
कानपुर, जागरण संवाददाता : केंद्र सरकार ओवरलोड ट्रकों को रोककर सड़कें क्षतिग्रस्त होने से बचाने की तमाम कवायद कर रही है, सूबे के मुख्य सचिव आलोक रंजन ने ओवरलोडिंग के खिलाफ अभियान चलाने के निर्देश दिये हैं, लेकिन ओवरलोडिंग की कमान सफेदपोश लोगों के हाथ में होने से खेल रुक नहीं रहा है।
कानपुर, झांसी, उरई, हमीरपुर, उन्नाव में चालीस स्थानों पर सक्रिय माफिया ओवरलोड वाहनों की इंट्री करने वाले सफेदपोशों के संपर्क में रहते हैं। ये लोकेशन माफिया आरटीओ, एआरटीओ व चेकिंग दस्ता के पास मंडराते रहते हैं और इंट्री माफिया को पूरी जानकारी देते हैं। ओवरलोड ट्रकें इंट्री माफिया के इशारे पर ही दौड़ती हैं। कहां चेकिंग लगी है, कितने बजे चेकिंग दस्ता कहां निकला, सारी सूचना उनको चेकिंग दस्ता के साथ चलने वाले कुछ स्टाफ से मिलती रहती है।
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300-300 ट्रकों का ठेका
हाईवे के ढाबों पर और फजलगंज समेत कई स्थानों पर ओवरलोडिंग पर वसूली करने वाले इंट्री एजेंट बैठे हैं, प्रत्येक एजेंट के पास 300 से 400 ट्रकों का ठेका रहता है। ट्रकों को सूचीबद्ध करने वाले ये एजेंट ही अधिकारियों से सेटिंग बनाते हैं।
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धर्मकांटा बने शो पीस
अकबरपुर में हाईवे पर टोल प्लाजा के पास ओवरलोडिंग रोकने के लिये धर्मकांटा लगाया गया है लेकिन यह शोपीस बनकर रह गया है। इसी तरह झांसी मार्ग पर छह और हमीरपुर मार्ग पर भी ओवरलोडिंग रोकने के बैरियर दिखावा बने हैं।
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सिर्फ मालिकों पर क्यों कार्रवाई
उत्तर प्रदेश गिंट्टी, मौरंग ट्रक आपरेटर एसोसिएशन की फजलगंज में हुई बैठक में अध्यक्षता करते हुए अध्यक्ष दीप अवस्थी ने कहा कि लोडिंग वाले प्वाइंट पर ही रोक लगे। ओवरलोडिंग की आड़ में केवल ट्रक मालिकों पर ही कार्रवाई हो रही है। बाबू मिश्रा, सतेन्द्र चौहान, दीपक चौरसिया, परिहार, बब्बू सिंह, इंदरपाल भदौरिया, गोपाल पांडेय आदि उपस्थित थे।
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एआरटीओ पर भी हो मुकदमा
एआरटीओ को क्षेत्र आवंटित किये जाएं, ताकि क्षेत्र में ओवरलोडिंग वाहन मिलने पर एआरटीओ के खिलाफ भी एफआईआर करायी जा सके। खनन अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो और बैरियर व धर्मकांटा वाले को भी बख्शा नहीं जाना चाहिए।
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आरटीओ, एआरटीओ टीम की जानकारी रखने के लिए कुछ लोग चेकिंग दस्ते के पास घूमते रहते हैं। अपने बीच का कोई उन्हें सारी सूचना देता है। इसीलिए चेकिंग दस्ते कोशिश करते हैं कि इतनी तेज कार्रवाई की जाए कि लोकेशन लेने वालों को संभलने का मौका ही न मिले।
- वीके सोनकिया, संभागीय परिवहन अधिकारी।