मौत के वायरस ने दो और जानें लीं
कानपुर, जागरण संवाददाता : शहर में खतरनाक वायरस के संक्रमण से मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा है। रविवार
कानपुर, जागरण संवाददाता : शहर में खतरनाक वायरस के संक्रमण से मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा है। रविवार देर रात एक मरीज ने लीलामनी हास्पिटल में दम तोड़ दिया, तो सोमवार शाम एक संदिग्ध मरीज की पीपीएम हास्पिटल में मौत हो गई। बीते पांच दिनों में स्वाइन फ्लू जैसे लक्षणों से पीड़ित पांच मरीज दम तोड़ चुके हैं।
एक मरीज में हुई थी पुष्टि
जिन पांच लोगों की मौत हुई है, उनमें एक में स्वाइन फ्लू (एच1एन1 वायरस) की पुष्टि हुई थी, लेकिन तीन मरीजों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई थी, जबकि एक मरीज के नमूने की कल्चर जांच रिपोर्ट लखनऊ से नहीं आ पायी थी। इन मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टर अगर मौत की पुख्ता वजह बताने की स्थिति में नहीं हैं, तो स्वास्थ्य विभाग के अफसरों के लिए खतरनाक वायरस पहेली बना है।
रिपोर्ट आने से पहले हो गई मौत
भोगनीपुर निवासी सत्येंद्र तिवारी की पत्नी रजनी तिवारी (30) को दो फरवरी को परिजनों ने पीपीएम हास्पिटल में भर्ती कराया था। वहां के आईसीयू इंचार्ज डॉ. शुभेंदु ने बताया कि रजनी को सांस लेने में दिक्कत थी। उनका इलाज डॉ. ज्योति व डॉ. आरती तिवारी कर रही थीं। स्वाइन फ्लू का संदेह होने पर सोमवार को सीएमओ कार्यालय को सूचना देकर नमूना जांच को भेजा गया था, पर रिपोर्ट आने से पहले मौत हो गई। एसीएमओ (प्रशासन) डॉ. वाईके वर्मा ने मौत की वजह मरीज को डबल निमोनिया बतायी है।
डॉक्टर नहीं बचा पाए जान
कृष्णा नगर निवासी रोशन भाटिया के फेफड़ों में गंभीर संक्रमण होने पर परिजनों ने सिविल लाइंस के लीलामनी हास्पिटल में भर्ती कराया था। रोशन की बहन कंचन ने बताया कि भाई को 15 जनवरी से तेज बुखार व खांसी के साथ कफ आ रहा था। लालबंगला में डॉ. भरत मेहरोत्रा को दिखाया। इस बीच सांस भी फूलने लगी और हालत बिगड़ती गई, तो डॉक्टर ने दो फरवरी को लीलामनी के आईसीयू में भर्ती करा दिया। वहां डॉ. चंद्रशेखर ने स्वाइन फ्लू के संदेह में लार के नमूने की कल्चर जांच केजीएमयू लखनऊ से कराई, जो निगेटिव आई थी। इसके बावजूद उसे एंटी फ्लू मेडिसिन दी गई। भाई की सांस लेने की क्षमता लगातार घटने पर डॉक्टर ने वेंटीलेटर पर रखने को कहा। इस पर भाई को हैलट ले गए, पर वहां वेंटीलेटर नहीं मिला, तो वापस लीलामनी लाकर वेंटीलेटर पर रखा। रविवार रात भाई ने दम तोड़ दिया। डॉक्टरों का कहना है कि रोशन को एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (एआरडीएस) हो गया था। एक फेफड़ा पूरी तरह डैमेज था, दूसरा भी संक्रमित हो गया था। मरीज बीड़ी-सिगरेट व तंबाकू जनित पदार्थो का सेवन करता था।