शहर में लगेंगे चार सोलर पावर प्लांट
कानपुर, जागरण संवाददाता : बिजली के संकट को दूर करने के लिए प्रदेश सरकार अब सोलर पावर प्लांट लगाने पर
कानपुर, जागरण संवाददाता : बिजली के संकट को दूर करने के लिए प्रदेश सरकार अब सोलर पावर प्लांट लगाने पर जोर दे रही है। शासन ने कानपुर में 50-50 मेगावॉट के चार सोलर पावर प्लांटों की स्थापना का लक्ष्य रखा है। वैकल्पिक ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव के आदेश पर उप जिलाधिकारियों ने गांवों में ग्राम समाज की भूमि तलाशने का कार्य तेज कर दिया है। सभी लेखपालों से राजस्व अभिलेखों का आंकलन कर गांवों में ग्राम समाज के भूमि का विवरण मांगा गया है।
सूबे में पीपीपी मॉडल पर कई कंपनियां सोलर पावर प्लांट लगाने को तैयार हैं। ऐसे में कोशिश हो रही है कि यहां 50- 50 मेगावॉट के सोलर पावर प्लांट लगाये जाएं। जो भी सोलर पावर प्लांट लगेंगे वे ग्रिड कनेक्टर सोलर पॉवर प्लांट होंगे। इनमें सोलर फोटोवोल्टाइक पैनल लगेंगे। इन प्लांटों से जितनी बिजली का उत्पादन होगा उसे यूपीपीसीएल के विद्युत सब स्टेशनों से जोड़ दिया जाएगा। 50 मेगावॉट के प्लांट की स्थापना को करीब 250 एकड़ भूमि की जरूरत है ऐसे में जिले में आसपास के गांवों की ग्राम समाज की भूमि मिलाकर प्लांट लगाने की योजना है, क्योंकि अब एक गांव में इतने बड़े क्षेत्रफल में भूमि मिलना मुश्किल है। हालांकि वैकल्पिक ऊर्जा विभाग ने यह भी तय किया है कि यदि एक ही स्थान पर 50 मेगावॉट के प्लांट के लिए भूमि नहीं मिलेगी तो फिर 10 से 20 मेगावॉट क्षमता के प्लांट लगाए जाएंगे। फिलहाल पूरा जोर 50 मेगावॉट के प्लांट पर ही है। भूमि का ब्योरा आने के बाद वैकल्पिक ऊर्जा विभाग के दूसरे विकल्प के तहत भी भूमि देने पर प्रशासन विचार कर सकता है। वैसे तो बिल्हौर के चोरसा गदनपुर में करीब सौ एकड़ और इटरा गांव में करीब 50 एकड़ भूमि एक जगह पर मिलने की उम्मीद है। परियोजना अधिकारी नेडा अतुल जैन का कहना है कि प्लांट की स्थापना को शासन गंभीर है। भूमि के लिए पत्र लिखा गया है। एसडीएम सदर योगेंद्र कुमार का कहना है कि एक दो दिनों में राजस्व निरीक्षक भूमि की उपलब्धता संबंधी रिपोर्ट देंगे। इसके बाद ही तय हो पाएगा कि कहां कितनी भूमि मिलेगी।