शिवपाल के खिलाफ मुकदमा वापस
कानपुर, जागरण संवाददाता: लोकनिर्माण मंत्री शिवपाल सिंह यादव को बुधवार जिले के मुख्य महानगर मजिस्ट्रे
कानपुर, जागरण संवाददाता: लोकनिर्माण मंत्री शिवपाल सिंह यादव को बुधवार जिले के मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट सत्यदेव गुप्ता की अदालत से अंतत: राहत मिल गई। अदालत ने मुकदमा वापसी का अभियोजन का प्रार्थनापत्र स्वीकार कर लिया जिसके बाद यह मामला अब आगे नहीं चलेगा।
मर्चेट चेंबर हाल में 18 अक्टूबर 2010 को पूर्व सांसद हरमोहन सिंह यादव के जन्मदिन पर तिरंगा बना केक काटा गया था। मामला चर्चा में आने के बाद उसी दिन परमट चौकी इंचार्ज वीरेंद्र प्रताप सिंह ने ग्वालटोली थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। घटना के ठीक तीसरे दिन अधिवक्ता अविनाश कटियार ने भी मामले में परिवाद दाखिल कर दिया। इसके बाद 26 सितंबर 2011 को महानगर मजिस्ट्रेट की कोर्ट में सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव, पूर्व सांसद हरमोहन सिंह यादव, तत्कालीन जिलाध्यक्ष जितेंद्र बहादुर सिंह, विधायक इरफान सोलंकी और सपा नेता सचिन तांगड़ी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी। सुनवाई के दौरान हरमोहन सिंह यादव और जितेंद्र बहादुर सिंह का निधन होने के चलते उनके खिलाफ मामला खत्म कर दिया गया था। 15 जनवरी 2013 को यह मामला तब चर्चा में आया जब एसीएमएम गगन कुमार भारती की अदालत ने आरोपियों के खिलाफ जमानती वारंट जारी कर दिया। वारंट तामीला के लिए विधानसभा के सभापति, मुख्यमंत्री समेत प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों को पत्र भेजा गया। इसके बाद यह मामला सीएमएम की अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया। 23 फरवरी 2013 को परिवाद को भी बतौर स्टेट केस मान लिया गया। धीरे-धीरे बढ़ रही विधिक कार्रवाई पर प्रदेश सरकार हरकत में आई और 2 जुलाई 2013 को मुकदमा वापसी का शासनादेश जारी कर दिया गया। फिर पुनर्विवेचना हुई तो सीओ ने पूर्व विवेचक की विवेचना खारिज करते हुए अंतिम रिपोर्ट लगा दी। इसके बाद 17 जून 2014 को परिवादी अविनाश कटियार ने भी मुकदमे की पैरवी से पीछे हट गए और पैरवी न करने का प्रार्थना पत्र दे दिया। अदालत ने शासनादेश, विवेचक को मुकदमा वापसी पर कोई आपत्ति न होने की रिपोर्ट और वादी अविनाश द्वारा मुकदमा न लड़ने की इच्छा के बाद अभियोजन को मुकदमा वापस लेने की अनुमति दे दी। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियुक्तगण शिवपाल सिंह, सचिन तांगड़ी व इरफान सोलंकी को अभियोजन द्वारा अभियोजन वापस लिए जाने के कारण उन्मोचित किया जाता है।
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इस धारा में था मुकदमा
तिरंगा केक काटने के मामले में ग्वालटोली थाने में द प्रिवेंशन ऑफ इंसल्ट टू नेशनल ऑनर एक्ट 1971 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
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इन माननीयों व कार्यकर्ताओं का मुकदमा भी है लाइन में
शहर के एक दर्जन से ज्यादा माननीय और सपा कार्यकर्ताओं के मुकदमा वापसी पर प्रदेश सरकार ने अभियोजन रिपोर्ट मांगी थी। इनमें विधायक मुनींद्र शुक्ला, सतीश निगम, पूर्व सांसद राकेश सचान, पूर्व विधायक लाल सिंह तोमर, पूर्व नगर अध्यक्ष नसीरूद्दीन व सपा नेता अमिताभ बाजपेयी समेत तीन दर्जन से ज्यादा सपा कार्यकर्ता और पदाधिकारियों के मुकदमों में अभियोजन वापसी की रिपोर्ट सरकार को भेजी जा चुकी है हालांकि कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह के मुकदमे में सरकार एक कदम आगे बढ़कर मुकदमा वापसी का शासनादेश भी जारी कर दिया था जिसके बाद शहर से यह पहला मुकदमा है जो वापस हो गया।