मनीषा का प्रेग्नेंसी टेस्ट नहीं होगा
कानपुर, जागरण संवाददाता: ज्योति हत्याकांड में बीते एक सप्ताह से आरोपी मनीषा मखीजा के प्रेग्नेंसी टेस्ट को लेकर चल रही कवायद पर बुधवार को विराम लग गया। सीएमएम सत्यदेव गुप्ता ने बचाव पक्ष का प्रार्थना पत्र यह कहते हुए निस्तारित कर दिया कि इसका विवेचना से कोई संबंध नहीं है।
मनीषा के अधिवक्ता कमलेश पाठक ने बीती 10 सितंबर को अदालत में प्रार्थना पत्र दिया था कि मनीषा का प्रेग्नेंसी टेस्ट करा लिया जाए। अधिवक्ता का कहना था कि इस विषय में लगातार खबरें प्रकाशित होने से मनीषा की बदनामी हो रही है। लेकिन अदालत में मृतका ज्योति के पिता शंकर नागदेव की ओर से अधिवक्ता आरके सिंह यादव व लायर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष नदीम रऊफ खान ने प्रेग्नेंसी टेस्ट का विरोध करते हुए तर्क दिया कि मामला हत्या का चल रहा है, न कि दुष्कर्म का। अदालत को किसी की बदनामी या इज्जत से लेना देना नहीं है। बहस केबाद मंगलवार को अदालत ने फैसला सुरक्षित कर लिया था। बुधवार को अदालत ने मनीषा की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र निस्तारित करते हुए कहा कि प्रेग्नेंसी टेस्ट का विवेचना से कोई लेना देना नहीं है। पूर्व में भी विवेचक ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर मनीषा का स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ, अस्थि रोग विशेषज्ञ और फिजीशियन से परीक्षण कराने की अनुमति मागी थी। इस पर बचाव पक्ष ने विरोध किया था और विवेचक भी जांच कराने का कारण स्पष्ट नहीं कर पाए थे। इस पर प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया गया था।