हे राम, इस बार मत जाना वनवास!
कानपुर, जागरण संवाददाता : बारादेवी रामलीला मैदान में 60 साल से रामलीला हो रही है। दस दिवसीय रामलीला में एक दिन लक्ष्मण और सीता संग राम वनवास जाते हैं। इस बार 24 सितंबर से राम की लीला शुरू होगी, लेकिन चिंता का विषय यह है कि राम जिस रास्ते से वन जाते हैं वहां जलभराव और कीचड़ है। ऐसे में वनवास जाते समय फिसलकर गिरने की गिरने की आशंका रहेगी। यदि राम और लक्ष्मण छलांग लगाकर निकल भी जाएंगे तो माता सीता के सामने मुश्किल आएगी। इसलिए हे प्रभु, हो सके तो माता सीता की सलामती के लिए वन जाने से इस बार मना कर देना। यदि मार्ग दुरुस्त कर दिया जाए तभी जाना।
रामलीला का आयोजन जंगलेश्वर रामलीला कमेटी करती है। यहां बारादेवी मां का मंदिर होने से नवरात्रि के पहले दिन से ही मां के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। रामलीला की तैयारियां तेज हो गई हैं, लेकिन नगर निगम अभी तक सफाई नहीं करा सका। ऐसी स्थिति में वनवास की राह में कीचड़ है। मैदान के तीन ओर कुछ साल पहले खड़ंजा बिछाया गया था जो गायब हो गया, जिससे जलभराव है।
रामलीला मैदान बना बस स्टैंड : रामलीला मैदान में पूरे प्राइवेट बसों का कब्जा रहता है। बसों के आवागमन से मैदान में गढ्डे ही गढ्डे नजर आते हैं। बारिश में इन गढ्डों के चलते मैदान में जलभराव की स्थिति बनी रहती है।
मैदान में पुलिस का भी कब्जा : रामलीला मैदान के सामने स्थित जूही थाने ने भी मैदान में कब्जा कर रखा है। थाना पुलिस ने दुर्घटनाग्रस्त आधा दर्जन ट्रकों को यहां खडे़ कर रखे हैं। कुछ ट्रक तो रामलीला मैदान जाने के रास्ते में ही खड़े है। सालों से खड़े यह ट्रक जर्जर हो चुके है। जिनकी आड़ में लोग गंदगी फैला रहे हैं।
रामलीला कमेटी के पदाधिकारियों का कहना :
'जलभराव व सफाई को लेकर एक माह पहले से ही नगर निगम कार्यालय में जानकारी दे दी थी। आज तक कोई मैदान में झांकने नहीं आया।'
मनोज सिंह भदौरिया, अध्यक्ष
'मैदान के तीनों ओर बिछाया गया खड़ंजा उखड़ चुका है। सीसी सड़क बनवाने के लिए अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों से गुहार लगा चुका हूं।'
महेंद्र तिवारी, संयोजक
'मैदान में अवैध बस स्टैंड को लेकर कई बार जिलाधिकारी से शिकायत की, लेकिन कोई फायदा नहीं निकला।' डा. शंकर सिंह सोलंकी, महामंत्री
'पुलिस ने मैदान में अपने दुर्घटनाग्रस्त ट्रक खड़े कर रखे हैं, जिनके विषय में पुलिस के उच्चाधिकारियों से शिकायत कर चुका हूं'
बाबू पांडेय, उपाध्यक्ष।