मंत्री जी जेल के अधिकारियों पर कब होगी कार्रवाई
कानपुर, जागरण संवाददाता : ज्योति हत्याकांड के आरोपियों को जेल में मिलने वाली सुविधाएं और प्रशासन के निरीक्षण में वहां की असलियत खुलने के बावजूद अब तक शासन से कोई कार्रवाई न होने पर ज्योति के पिता ने नाराजगी जताई है। बुधवार को उन्होंने राजनीतिक पेंशन मंत्री राजेंद्र चौधरी से पूछा कि निरीक्षण रिपोर्ट मिलने के बाद भी जेल अधिकारियों पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई। इस पर मंत्री ने उन्हें ठोस कार्रवाई का भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्री को अवगत कराएंगे।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बुलावे पर पिछले सप्ताह ज्योति के पिता शंकर नागदेव उनसे मिलने लखनऊ गए थे। उस समय राजनीतिक पेंशन मंत्री राजेंद्र चौधरी भी वहां मौजूद थे। मंत्री ने उस समय शंकर नागदेव को अपना नंबर देते हुए किसी भी समय फोन करने को कहा था। बुधवार को शंकर नागदेव ने मंत्री को फोन कर उनसे कानपुर जिला कारागार में चल रही अनियमितताओं के बारे में बताया।
कीमत अदा करें, सब उपलब्ध
ज्योति के पिता के अनुसार कानपुर जिला कारागार में तैनात एक बंदीरक्षक ने पत्र भेजकर जिला कारागार में चल रहे गोरखधंधे के बारे में बताया है। उनका आरोप है कि जेल में पीयूष व मनीषा को अभी भी सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। उनके लिए अभी भी बाहर का खाना आता है। इसके लिए दो नंबरदार और एक उपजेलर को लगाया गया है। जेल अधिकारी को इसके लिए एकमुश्त मोटी रकम का भुगतान हुआ है। कारागार में पीयूष और मनीषा के परिजन मिलने आते हैं उनसे मुलाकात पर्ची नहीं लगती। मुलाकात के दौरान बाहर से लाए गए सामान की जेल में चेकिंग नहीं होती। आरोप है कि जेल अधीक्षक और जेलर दोनों को इसकी जानकारी है लेकिन चढ़ावे के चक्कर में कोई कुछ नहीं कहता। शंकर नागदेव के अनुसार उन्हें मिले गोपनीय पत्र में यह भी आरोप है कि जेल में कई बंदी फांसी लगाने का प्रयास कर चुके हैं और कई पेड़ पर चढ़कर कूदने की कोशिश कर चुके हैं। ये वही बंदी हैं जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और अधिकारियों की जेबें नहीं भर पाते। उन्होंने मंत्री को सारी बातें बताई हैं। मंत्री ने जल्द ही ठोस कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
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ज्योति के पिता ने कानपुर जिला कारागार के बारे में कई जानकारियां दी हैं। मुख्यमंत्री ने पहले ही साफ कर दिया है कि जेल मैनुएल का उल्लंघन होने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई होगी। पूरे मामले के बारे में मुख्यमंत्री को अवगत कराएंगे।
राजेंद्र चौधरी, राजनीतिक पेंशन मंत्री
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पीयूष के पिता पर कसा शिकंजा
ज्योति हत्याकांड में पुलिस पीयूष व मनीषा के परिजनों पर शिकंजा कसने की तैयारी में है। पुलिस ने पीयूष के पिता ओमप्रकाश श्यामदसानी को प्रथम दृष्टया सबूत नष्ट करने का आरोपी माना है। 27 जुलाई को ज्योति की हत्या के बाद जब पीयूष घर कपड़े बदलने के लिए पहुंचा तो उन्होंने उससे बहू के बारे में सवाल क्यों नहीं किया। यदि उन्हें पीयूष ने सच्चाई बता दी थी तो उन्होंने तुरंत ही पुलिस को फोन क्यों नहीं किया। पुलिस मानकर चल रही है कि यदि ज्योति के पिता ने तुरंत पुलिस को सूचना दी होती तो शायद ज्योति जिंदा बच जाती। यही नहीं पीयूष रात को 12 से तीन बजे प्रेमिका से या फिर अन्य लड़कियों से मिलने के लिए घर से बाहर निकल जाता था। परिजनों को इसकी जानकारी रहती होगी, फिर भी वह नजरअंदाज क्यों करे रहे। हालांकि एसओ शिव कुमार राठौर ने कहा कि पुलिस अभी पूछताछ कर रही है। सभी से पूछताछ के बाद ही अगले कदम पर चलेंगे।