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सीसीटीवी फुटेज बताएगा सूटकेस का राज

By Edited By: Published: Sun, 10 Aug 2014 01:24 AM (IST)Updated: Sun, 10 Aug 2014 01:24 AM (IST)
सीसीटीवी फुटेज बताएगा सूटकेस का राज

कानपुर, जागरण संवाददाता: ज्योति हत्याकांड के मुख्य आरोपी पीयूष श्यामदसानी और उसकी प्रेमिका मनीषा मखीजा को बचाने और जेल में सुविधाएं देने के लिए हुई कथित डील में एक नेताजी और माननीय का नाम सामने आने के बाद जेल प्रशासन निशाने पर है। लोगों की जुबां पर एक ही सवाल है कि आखिर वह माननीय कौन थे जो सूटकेस लेकर जेल में गये थे और यदि वास्तव में सूटकेस अंदर गया तो उसे किस अधिकारी को दिया गया। जेल के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जाए तो शायद यह राज खुल सकता है। ज्योति के पिता की मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद इस मुद्दे पर भी जांच शुरू हो सकती है।

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ज्योति श्यामदसानी की हत्या के बाद उसके पति पीयूष श्यामदसानी और उसकी प्रेमिका सहित अन्य सभी हत्यारोपी इस समय जेल में हैं। मनीषा को जेल में सुविधाएं देने का मामला मीडिया में छपने के बाद जिलाधिकारी और एसएसपी ने संयुक्त रूप से जेल में छापा मारा। उन्हें गड़बड़ियां मिली और उन्होंने इसकी रिपोर्ट शासन को भेज दी। लेकिन अभी तक किसी ने यह जानने की जरूरत नहीं समझी कि आखिर जेल प्रशासन हत्यारोपियों के ऊपर इतना मेहरबान क्यों हुआ। किस शख्स के प्रभाव में जेल अधिकारी आए। उन्हें इसके लिए किस प्रकार मैनेज किया गया। शहर में पिछले कई दिनों से चर्चा है कि मनीषा के जेल में जाने के बाद एक माननीय जेल में सूटकेस लेकर गये थे। वह अंदर गये तो उनके हाथ में सूटकेस था और बाहर आए तो सूटकेस नहीं था। अब सवाल यह है कि आखिर इस सूटकेस में क्या था। अगर मनीषा के लिए कपड़े थे तो क्या यह सूटकेस जेल में है और यदि कपड़े नहीं थे तो फिर सूटकेस में क्या था। यही नहीं यह सज्जन कौन थे और सूटकेस लेकर किसकी इजाजत से अंदर गये थे। इस संबंध में जेलर ए के सिंह से जानकारी की गयी तो उन्होंने कहा कि जेल अधीक्षक ही यह बता सकते हैं। वहीं जेल अधीक्षक पीडी सलोनिया से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।

असलियत की जानकारी करेंगे।

जेल संवेदनशील क्षेत्र है, उसके बाहर कैमरे लगे हैं तो काम कर रहे हैं या नहीं यह पता कराया जाएगा। यदि कैमरे लगे हैं तो फुटेज की जांच होगी कि सूटकेस लेकर कौन गया। यदि कैमरे नहीं लगे हैं तो जल्द ही जेल के बाहर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।

अविनाश सिंह, एडीएम सिटी, कानपुर


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