सेवा प्रदाताओं को बड़ी राहत
शिवा अवस्थी, कानपुर
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड ने सेवाकर के अपीलीय प्रकरणों में अग्रिम धनराशि जमा कराने में बदलाव किया गया है। अब अपीलीय प्रकरणों में सेवा प्रदाताओं को सिर्फ टैक्स पर ही अग्रिम धनराशि जमा करनी होगी। इससे देश व प्रदेश के लाखों सेवा प्रदाताओं को बड़ी राहत मिलेगी। वहीं, बजट से पहले के विवादित मामलों में ये व्यवस्था लागू नहीं होगी।
केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बजट में सेवाकर के विवादित मामलों में प्रथम व द्वितीय अपील पर क्रमश: 7.5 व 10 फीसद अग्रिम धनराशि जमा कराने की व्यवस्था पर ही सुनवाई का प्रावधान किया था। सेंट्रल बोर्ड ऑफ कस्टम एंड एक्साइज में अक्सर विवादित मामलों में पांच वर्ष के कर व उस पर अर्थदंड की गणना से ये रकम लाखों से करोड़ों तक पहुंचती है। इसको लेकर लाखों करदाता असमंजस के साथ कार्यशील पूंजी फंसने को लेकर चिंतित थे। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड ने करदाताओं की समस्या बढ़ने के सुझावों पर गौर करते हुए इसमें ढील दी है। अब नई व्यवस्था के तहत सेवा प्रदाता पर लगाए गए कर पर ही प्रथम व द्वितीय अपील में 7.5 फीसद अग्रिम धनराशि जमा करनी होगी।
रिफंड पर ब्याज और फायदा
नए नियमों में 10 फीसद की कार्यशील पूंजी तो बचेगी ही साथ में पांच वर्ष के टैक्स की गणना के साथ 100 फीसद अर्थदंड में भी 10 फीसद की अतिरिक्त धनराशि भी नहीं देनी होगी। इससे करदाता की 20 फीसद कार्यशील पूंजी अपील के दौरान फंसने से बचेगी। वहीं, मामले के निस्तारण के बाद जमा की गई अग्रिम धनराशि पर ब्याज का भी फायदा जोड़ा गया है।
उत्पादक भी किए गए शामिल
अब लाखों उत्पादकों को भी इस व्यवस्था में शामिल कर लिया गया है। इससे उद्योगपतियों को सेवाकर के मामलों में दोहरा फायदा होगा। उत्पाद कर के विवादित प्रकरणों में भी नई व्यवस्था ही काम करेगी।
पंजीकृत सेवा प्रदाता
कानपुर -32,700
लखनऊ -28,500
गाजियाबाद -8700
नोएडा -13,900
आगरा -27,300
गोरखपुर -24,600
(आंकड़े कर सलाहकारों के मुताबिक)
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'ट्रिब्यूनल से स्टे लेने व अपील के दौरान सुनवाई में सेवा प्रदाताओं की बड़ी रकम अग्रिम धनराशि में फंसती थी। इस बदलाव से सेवा प्रदाताओं की कार्यशील पूंजी नहीं फंसेगी और रिफंड पर ब्याज से नुकसान भी नहीं होगा।'
-सीए धर्मेद्र श्रीवास्तव, वरिष्ठ सेवाकर विशेषज्ञ