पूर्व मंत्री फागू चौहान के बेटे की बढ़ेगी मुश्किल
कानपुर, जागरण संवाददाता: पूर्व राजस्व मंत्री फागू चौहान के बेटे उमेश की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। यूपीएसआईडीसी में नियुक्ति पाने के लिए क्रीमी लेयर होने के बाद भी आरक्षण का लाभ लेना उसे महंगा पड़ेगा, क्योंकि जांच के दौरान मामला सामने आ गया है और अब कार्रवाई की तैयारी शुरू हो गई है। हालांकि पूर्व मंत्री के बेटे ने बीते वर्ष जांच शुरू होते ही नौकरी से त्याग पत्र दे दिया था, लेकिन तथ्यों को छुपाकर नौकरी पाने के मामले में अब उसके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने की जा रही है।
यूपीएसआईडीसी में वर्ष 2007 से 2009 के बीच विभिन्न पदों पर भर्तियां हुई थीं। तब मायावती के मंत्रीमंडल में राजस्व मंत्री की कुर्सी संभाल रहे फागू चौहान समेत कई मंत्रियों ने निगम के चेयरमैन बाबू सिंह कुशवाहा से मिलीभगत कर अपने बेटों और रिश्तेदारों को नौकरी दिला दी थी। फागू चौहान के बेटे उमेश चौहान को उप प्रबंधक लेखा के पद पर तैनाती दी गई थी। तत्कालीन प्रभारी अधिकारी कार्मिक ने लेखा लिपिक के पांच पदों के जगह सात, सहायक श्रेणी द्वितीय के 20 पदों की जगह 22, प्रबंधक सामान्य के दो पदों की जगह तीन, भूलेख लिपिक के एक पद की जगह दो, चपरासी के छह पदों की जगह 11, उप प्रबंधक सामान्य के चार पद की जगह सात पदों पर नियुक्ति दी गई थी। मामले में बीते वर्ष मंडलायुक्त को जांच सौंपी गई थी, लेकिन घोटालेबाज अफसरों के प्रभाव के कारण जांच पूरी नहीं हो सकी। जांच का आदेश होने के बाद ही फागू चौहान के बेटे उमेश ने पद से त्याग पत्र दे दिया था। हालांकि उस समय अधिकारियों और कर्मचारियों के अनुभव और जाति प्रमाण पत्रों का सत्यापन शुरू कराया गया था। बीते दिनों उमेश चौहान की रिपोर्ट आई तो पता चला कि उमेश क्रीमी लेयर की श्रेणी में था बावजूद इसके उसने पिछड़े वर्ग के आरक्षण का लाभ लिया। अब जांच रिपोर्ट आने के बाद उसे दिए गये वेतन की वसूली और धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराने की तैयारी चल रही है।