भाजपा पर गरम, कांग्रेस पर नरम
दिग्विजय सिंह, कानपुर
रेसकोर्स के मैदान पर एक सप्ताह पूर्व कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी ने भाजपा के साथ ही सपा की जमकर बखिया उधेड़ी थी। उन्होंने न मोदी को बख्शा था और न ही मुलायम को लेकिन शुक्रवार को इसी मैदान पर सपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री अखिलेश यादव राहुल और उनकी पार्टी के प्रति नरम दिखे। 17 मिनट के भाषण में उन्होंने एक बार भी कांग्रेस का जिक्र नहीं किया। प्रदेश सरकार की उपलब्धियों का बखान, भाजपा व नरेंद्र मोदी पर ही वार करते रहे। उन्होंने धुर विरोधी मायावती का नाम न लेते हुए एक बार कहा कि 2012 के चुनाव में सूबे की जनता ने तानाशाह मुख्यमंत्री को उखाड़ फेंका।
अखिलेश को सुनने आई भीड़ को उम्मीद थी कि जिस मैदान पर राहुल गांधी ने उनके नेता मुलायम सिंह को ललकारा था उसी मैदान पर अखिलेश उनके आरोपों का जवाब देंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि शायद चुनाव बाद नए समीकरण को ध्यान में रखकर ही अखिलेश यादव ने ऐसा किया हो। मुख्यमंत्री के भाषण का लोग अलग अलग निहितार्थ भी निकालते रहे। बात जो भी हो लेकिन रेसकोर्स के मैदान पर पिता मुलायम सिंह को प्रधानमंत्री का ताज दिलाने के लिए मुख्यमंत्री ने मतदाताओं को लुभाने की भरपूर कोशिश की।