Move to Jagran APP

आधी सदी का सफर, गुणवत्ता पर नजर

By Edited By: Published: Wed, 02 Oct 2013 06:08 PM (IST)Updated: Wed, 02 Oct 2013 06:09 PM (IST)
आधी सदी का सफर, गुणवत्ता पर नजर

कानपुर, शिक्षा संवाददाता: किसी भी संस्थान का आधी सदी का सफर यूं ही पूरा नहीं हो जाता। 50 सालों के सफर की अड़चनें, आनंद, चुनौतियां और संकल्प संस्थानों का हौसला बढ़ाते हैं। इन दिनों इसी हौसले को संजोने में जुटा है केंद्रीय विद्यालय संगठन। स्वर्णजयंती वर्ष मना रहे संगठन शैक्षणिक गुणवत्ता बढ़ाने के लिए स्कूलों को तोहफे दे रहा है तो स्कूल अपनी साख चमकाने में जुटे हैं।

loksabha election banner

केंद्रीय विद्यालय संगठन के सफरनामा की नींव 1961 में उस समय पड़ी जब राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से शिक्षित व प्रशिक्षित सैनिक अधिकारी तैयार करने के लिए 'सैनिक स्कूलों' की स्थापना हुई। 1962 में चीनी हमले के बाद सैनिकों के बच्चों की व्यवस्थित व अबाधित शिक्षा के लिए छावनियों में छोटे छोटे स्कूल खुले। 1963 में छावनियों के इन 20 स्कूलों को अधिग्रहीत कर 'सेंट्रल स्कूल स्कीम' शुरू की गई। स्कूलों को सीबीएसई से संबद्ध किया गया। बाद में इस योजना को बदल कर 'केंद्रीय विद्यालय संगठन' कर दिया गया तो स्कूलों का नाम भी केंद्रीय विद्यालय हो गया।

पचास सालों का शानदार सफर पूरा करने पर मना रहे स्वर्णजयंती वर्ष पर केंद्रीय विद्यालयों को मैथमेटिक पार्क विकसित करने, खेल सुविधाएं बढ़ाने, प्रयोगशालाएं अत्याधुनिक करने, चिल्ड्रेन पार्क बनाने सहित अवस्थापना सुविधाओं को बढ़ाने की योजनाएं शुरू की गई हैं। इसके लिए स्कूलों को दो लाख से 7 लाख तक का अनुदान मिला है। शहर के सभी केंद्रीय विद्यालयों ने अपना इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने की पहल की है।

-----

तस्वीर एक नजर में

केंद्रीय विद्यालय संगठन बना : 1963

देश में केंद्रीय विद्यालय : 1094

इनमें असैनिक क्षेत्र में : 604

रक्षा क्षेत्र में : 352

सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में : 109

उच्च संस्थानों में : 26

यूपी में सर्वाधिक विद्यालय : 105

इनमें कानपुर में : 09

कानपुर देहात में : 02

विदेश (मास्को व तेहरान आदि) में : 03

कार्यरत कर्मचारी- शिक्षक : 56,445

अध्ययनरत विद्यार्थी :11,21,012

------

15 दिसंबर को स्थापना दिवस

केंद्रीय विद्यालय संगठन के निर्देशानुसार सभी स्कूलों में 15 दिसंबर को स्थापना दिवस मनाया जाएगा। इसमें विविध कार्यक्रम व प्रतियोगिताएं होंगी। गुणवत्ता वृद्धि के नवीन संकल्प लिए जाएंगे।

----

केंद्रीय विद्यालयों में समान वेतनमान दिया जा रहा है। जरूरत समान गणवेश, पाठ्यक्रम व समान नीति लागू करने की है।

- रमेश जोशी, पूर्व शिक्षक एवं संपादक अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका 'विश्वा'

------

स्वर्णजयंती वर्ष पर अवस्थापना सुविधाओं को सुधारने, पढ़ाई की गुणवत्ता बढ़ाने तथा बच्चों के समग्र विकास के एजेंडे पर काम किया जा रहा है।

- कन्हैया तिवारी, प्राचार्य केंद्रीय विद्यालय आईआईटी।

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.