कौन बताएगा कहां से आया वायरस
कानपुर, नगर प्रतिनिधि : चिड़ियाघर प्रशासन बेजुबानों की जिंदगी से खिलवाड़ करने में लगा हुआ है। एक सप्ताह पहले प्रकाश में आया लेप्टो स्पाइरोसिस वायरस कहां से आया यह जानने की किसी ने जहमत तक नहीं उठाई। नाले के पानी का राग अलाप रहे अधिकारियों ने पानी की जांच तक नहीं करवाई। जानवरों पर इस वाइरस का खतरा बना हुआ है।
चिड़ियाघर प्रशासन की लापरवाही से पहले कुत्तों ने 32 हिरनों को मार डाला और हाल ही में संक्रमण से एक नीलगाय व हिरन की मौत हो चुकी है। लिप्टो स्पाइरोसिस वायरस ने शेरनी लक्ष्मी को भी अपनी गिरफ्त में ले रखा है। इतना सब कुछ होने के बाद भी चिड़ियाघर प्रशासन अब तक सो रहा है। अधिकारियों ने वायरस का पता तक लगाने की जहमत नहीं उठाई। लक्ष्मी को अप्रैल में हैदराबाद से लाया गया था, तब वह पूरी तरह से स्वस्थ थी। नाले की गंदगी का हवाला दे रहे चिड़ियाघर प्रशासन के अधिकारियों ने नाले के पानी का नमूना तक जांच के लिए नहीं भेजा। लिप्टो स्पाइरोसिस वायरस कैट प्रजाति के जानवरों को अपना शिकार बनाता है। निदेशक के. थामस ने बताया कि लक्ष्मी की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है पर वायरस कहां से आया यह पता नहीं चला है। चिड़ियाघर के डॉक्टर आर के सिंह ने बताया लक्ष्मी पहले से काफी ठीक है जल्द ही फिर से उसका ब्लड सैंपल लेकर जांच करवाई जाएगी।
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