आंकड़ों में फेल तीन अफसर 'आउट'
कानपुर, स्टाफ रिपोर्टर : प्रमुख सचिव समन्वय राजन शुक्ला ने विकास कार्यो की हकीकत जानने के लिए अफसरों की कक्षा लगाई। सवाल पूछने शुरू किए तो कई विभागों के अधिकारी हक्का-बक्का रह गए। कुछ विभागों का काम बेहद ढीला मिला तो प्रमुख सचिव की भौहें तन गईं। पेंशन मामलों के तीन अफसरों को प्रमुख सचिव के तेवर देखते हुए डीएम ने बैठक से बाहर कर दिया। प्रोजेक्ट कारपोरेशन के प्रोजेक्ट अफसर को चेतावनी देने के साथ कई अफसरों को उनकी जिम्मेदारी बताई।
सर्किट हाउस में 23 बिंदुओं पर पांच घंटे की समीक्षा में प्रमुख सचिव श्री शुक्ला ने फुफुआर राजथोक से बौसर तक 3.10 किमी सड़क ढाई साल में न बना पाने पर लोक निर्माण विभाग के अफसरों को फटकारा। सवाल भी खड़ा किया कि जिला योजना व त्वरित आर्थिक विकास योजना की डेढ़ सौ सड़कों की क्या दशा होगी? अनुमान लगाना मुश्किल नहीं है। नर्वल से मुस्लिमपुरवा, गोपालपुर से बिजान खेड़ा आदि सड़क के धीमे निर्माण पर नाराजगी जताई। राजीव पेट्रोल पंप से आर्यनगर चौराहा तक सड़क बनने के बाद नाली निर्माण न होने पर नाराजगी जताई। सड़क से प्रमुख सचिव पेंशन मामले पर आए तो समाज कल्याण, विकलांग और प्रोबेशन अधिकारी क्रमश: वृद्धा, विकलांग और विधवा पेंशन के लाभार्थियों की वर्तमान, बीते वर्ष की संख्या व अपात्रों की संख्या नहीं बता सके। तमतमाए प्रमुख सचिव ने डीएम से कहा कि जिन्हें आंकड़ों की सही जानकारी नहीं है, वे पात्रों को कैसे लाभ देंगे? इस पर डीएम समीर वर्मा ने तीनों अफसरों को बैठक से बाहर भेज दिया।
इसके बाद उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की खबर ली। मुख्य चिकित्सा अधिकारी आरपी यादव ने बताया कि निर्माणाधीन स्वास्थ्य केंद्रों, उप स्वास्थ्य केंद्र भवन व अन्य कार्य की प्रगति धीमी है। इस पर उन्होंने नाराजगी जताई और कहा कि वे खुद निगरानी करें। जब शिक्षा विभाग की ओर घूमे तो जिला विद्यालय निरीक्षक स्कूलों के निर्माण की प्रगति की ठीक जानकारी नहीं दे सके। इसके अलावा यूपी प्रोजेक्ट कारपोरेशन के प्रोजेक्ट अफसर से भवनों के निर्माण कार्यो की जानकारी मांगी तो वे सही आंकड़े नहीं दे सके। इस पर उन्हें चेतावनी देने के निर्देश दिए। उन्होंने लोहिया गांवों में सीसी सड़कों, सोलर लाइट स्थापना, शौचालय निर्माण की भी जानकारी ली। कहा कि जो भी कार्य होने हैं निर्धारित समय में किए जाएं। उन्होंने चौबेपुर-मरखरा पहुंच मार्ग के लिए संशोधित प्रस्ताव भेजने को कहा। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी रमाकांत पांडेय, जिला विकास अधिकारी नरेंद्र सिंह, पीडी डीआरडीए एके सिंह आदि रहे।
हर 15 दिन में निर्माण की समीक्षा
कानपुर : जिलाधिकारी से कहा कि वे 15 दिनों में निर्माण कार्यो की समीक्षा करें, ताकि पता चल सके कि 25 लाख तक व उससे ऊपर के कार्यो की क्या प्रगति है। इसकी रिपोर्ट प्रत्येक माह शासन को भेजें।
निर्माण कार्यो की कराएं जांच
प्रमुख सचिव ने जिलाधिकारी से कहा कि सड़कों के निर्माण, भवनों के निर्माण कार्य के गुणवत्ता की वे जांच भी करा लें। ताकि घटिया कार्य पकड़ में आ सके और दोषियों को दंड मिल सके।
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