आलू भंडारण को ट्रैक्टर पर सो रहे किसान
संवाद सहयोगी, छिबरामऊ : आलू की कच्ची फसल तो किसानों को चपत लगा चुकी है। अब पक्की भी भारी पड़ती दिख रह
संवाद सहयोगी, छिबरामऊ : आलू की कच्ची फसल तो किसानों को चपत लगा चुकी है। अब पक्की भी भारी पड़ती दिख रही है। कोल्ड स्टोरेज के बाहर किसान आलू लिए लाइन में खड़े है लेकिन भंडारण करने के लिए घंटों समय बर्बाद करना पड़ रहा है। कइयों को रात ट्रैक्टर पर ही गुजारनी पड़ती है।
नोटबंदी से आलू किसानों पर तगड़ा असर पड़ा है। बाजार में रुपये न होने की वजह से किसानों की कच्ची फसल का आलू सही दाम में नहीं बिक पाया। लागत के दाम भी सीधे नहीं कर पाए। इससे पक्की फसल का रकबा बढ़ गया। कोल्ड स्टोरेज मालिकों ने फरवरी माह में भंडारण शुरू किया। किसानों ने भी फसल को खोद कोल्ड में पहुंचाना शुरू कर दिया है। पिछले साल मार्च अंत तक भंडारण किया गया था लेकिन इस बार अभी से कोल्ड स्टोरेज में जगह कम हो गई है। किसान आलू लदी ट्रैक्टर ट्रालियां लेकर शीतगृहों के बाहर लाइन में लगे हैं लेकिन उनका नंबर नहीं आ रहा है। किसान रातभर ट्राली पर ही सोते हैं। आसपास की दुकानों पर खाना खाकर समय गुजारते हैं। जीटी रोड पर बने कोल्ड स्टोरेज पर ट्रैक्टर-ट्राली की वजह से जाम की स्थिति बन गई है। फर्रुखाबाद चौराहा के निकट मौजूद किसान राजेश ¨सह, प्रवेश कुमार, बंटी ¨सह, रामदीन आदि ने बताया कि कोल्ड स्टोरेज में जगह नहीं मिल रही है। इससे पक्की फसल में भी नुकसान हो सकता है।