खुद की पीड़ा पर उठाने लगीं महिला हक की आवाज
जागरण संवाददाता, कन्नौज : ¨जदगी में जब अपनी बेटी को दहेज की प्रताड़ना झेलनी पड़ी तो पीड़ा हुई। इसके बा
जागरण संवाददाता, कन्नौज : ¨जदगी में जब अपनी बेटी को दहेज की प्रताड़ना झेलनी पड़ी तो पीड़ा हुई। इसके बाद महिला हक की आवाज बुलंद कर दी। वह दुष्कर्मी, हत्यारोपी व महिलाओं का शोषण करने वाले आरोपियों को जेल भिजवाने के मकसद पर काम करने लगीं। ढाई दशक से अभियान लगातार चल रहा है। 1993 में महिला संगठन से जुड़ गईं। यहां नारी सशक्तिकरण की मुहिम ने और तेजी पकड़ी।
इंदरगढ़ थाना क्षेत्र के पटेल नगर तिराहा निवासी डा. धनदेवी कनौजिया साधारण परिवार से हैं। आसपास के घरों में महिलाओं का उत्पीड़न देख दिल रो पड़ा। 1990 में महिलाओं को अधिकार दिलाने के लिए मुहिम शुरू की। सबसे पहले दुष्कर्म के आरोपी को जेल पहुंचाने में सफलता हासिल की। इसी बीच 1993 में पुत्री सुनीता का विवाह ठठिया थाना क्षेत्र के बनपुरा गांव के देवकी नंदन के साथ किया। पति व ससुरालीजनों की प्रताड़ना से आजिज सुनीता की पीड़ा देखी नहीं गई। खुद के घर पर आंच आई तो मुहिम की धार तेज कर दी। अब तक कई दुष्कर्मी, हत्यारोपी व महिलाओं से छेड़छाड़ व उत्पीड़न करने के मामलों में विरोध का अभियान चला जेल भिजवाया। इसके बाद अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुधा सुंदर रमन ने उनको संगठन से जोड़ प्रदेश उपाध्यक्ष पद की कमान सौंपी। वह महिलाओं को हक दिलाने के लिए निकल पड़ी हैं।
इन ¨बदुओं पर कर रहीं काम
-सामाजिक, सांस्कृतिक, शिक्षा व चेतना का स्तर ऊंचा करना।
-दहेज, बाल-विवाह, पत्नी को छोड़ प्रेम विवाह के विरोध में संघर्ष।
-जातिवाद, छुआछूत, धार्मिक, अंधविश्वास से लोगों को निकालना।
-मजदूर, किसान, मेहनतकश महिलाओं को अधिकारी दिलाना।
-महिलाओं की उपेक्षा करने वालों को जेल पहुंचाना।
प्रदेश के 28 जिलों में विस्तार
डॉ. धनदेवी कनौजिया की मुहिम अब तक प्रदेश के बहराइच, चंदौली, चित्रकूट, मिर्जापुर, बनारस, आगरा, सहारनपुर, लखनऊ, कानपुर, फर्रुखाबाद, कन्नौज, हरदोई, औरैया, इटावा, फिरोजाबाद, कानपुर देहात, मैनपुरी, शिकोहाबाद, इलाहाबाद समेत 28 जिलों में पहुंच चुकी हैं। इन जगहों पर उनके साथ सात हजार महिलाएं जुड़ी हैं। इनके हौसले से महिलाओं को न्याय दिलाने की मुहिम तेजी से चल रही है।