फसलों पर आफत मौसम का छलावा
संवाद सहयोगी, छिबरामऊ : बदलते मौसम का मिजाज फसलों पर आफत बनकर टूट रहा है। लगातार लुकाछिपी के खेल का
संवाद सहयोगी, छिबरामऊ : बदलते मौसम का मिजाज फसलों पर आफत बनकर टूट रहा है। लगातार लुकाछिपी के खेल का छलावा सरसों, अरहर, आलू, मटर समेत बाकी फसलों को खराब कर रहा है। इससे किसानों के माथे पर ¨चता की लकीर साफ नजर आने लगी है। मंदी के कारण परेशानी में फंसने के बाद मौसम की मार असहनीय होती जा रही है। किसानों के दिन का चैन और रात की नींद उड़ गई है। हजारों एकड़ में फसलों को तगड़ी चोट पहुंचने की संभावनाएं बढ़ गई हैं।
खेतों में आलू, सरसों व गेहूं की फसल है। गेहूं को मौसम कुछ राहत दे रहा है लेकिन आलू, सरसों, अरहर, पत्ता व फूल गोभी के साथ बाकी फसलों के लिए नुकसानदेह है।
पहले कोहरे ने अपनी चपेट में फसलों को लिया और उसके बाद अब पाला की मार पड़ रही है। इससे सरसों का फूल जहां गिर गया है वहीं, आलू बेल की पत्तियां जलकर खत्म हो रही हैं। इससे पैदावार प्रभावित होने की पूरी संभावना बन गई है। आलू छोटा हो रहा है। वहीं, सब्जियों पर भी इसकी मार अधिक पड़ रही है। दिन के समय धूप में गर्मी और रात को अचानक ठंड से फसल प्रभावित हो रही है। अधिकांश सब्जियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। इसको लेकर किसान बेहद ¨चतित हैं। आसमान की ओर ताक रहे हैं।
किसान बोले
क्षेत्र के किसान रामप्रकाश, सुरेश चंद्र, रामेश्वर दयाल, सरमन, रामदीप, विशुन दयाल ¨सह, दीपक कुमार, प्रदीप ¨सह आदि का कहना है कि इस बार मौसम किसान के साथ अजब खेल कर रहा है। रात के समय सर्दी होती है और सुबह धूप होने पर मौसम बदल जाता है। इसको खेतों में खड़ी फसल बर्दाश्त नहीं कर पा रही है। गेहूं को छोड़कर अन्य की स्थिति खराब है। मंदी की मार झेल रहे किसान के आगे भी खाली हाथ रहने की संभावना है। सब्जी विक्रेता राम कुमार, सर्वेश कुमार, मोनू ¨सह, राजदीप आदि का कहना है कि सर्दी के मौसम में बंद गोभी व पत्ता गोभी की अच्छी फसल तैयार होती है। इस बार मौसम का मिजाज समझ नहीं आ रहा है। इससे गोभी की वृद्धि रुक गई है। दवा आदि का छिड़काव करने के बाद भी रोग लगने की संभावना है।