दूल्हा बने रघुराई, अवधपुर बाजे बधाई..
छिबरामऊ, संवाद सहयोगी : श्रीरामकथा आयोजन के चौथे दिन नगर में भव्य राम बारात निकली। एक दर्जन झांकियों
छिबरामऊ, संवाद सहयोगी : श्रीरामकथा आयोजन के चौथे दिन नगर में भव्य राम बारात निकली। एक दर्जन झांकियों के साथ घुड़सवार, ऊंट व हाथी राम बारात की शोभा बढ़ाते रहे। वहीं, बैंडबाजे की धुन पर श्रद्धालुओं ने जमकर नृत्य किया। नगर भ्रमण के बाद कथा स्थल पर विधि पूर्वक भगवान राम व माता सीता का विवाह संपन्न कराया गया।
सौरिख रोड स्थित मां कालिका देवी मंदिर के पास राम बारात में शामिल होने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ सुबह से ही एकत्रित होने लगी। भगवान गणेश, राम-लक्ष्मण, हनुमान, गुरु विश्वामित्र सहित एक दर्जन झांकियों के साथ सुसज्जित बारात ने बैंडबाजों की धुनों के बीच जनकपुरी (कथास्थल) की तरफ प्रस्थान किया। बरात में आगे चल रहे घुड़सवार आकर्षण का केंद्र बने तो इनके पीछे ऊंट व हाथी ने छटा बिखेरी। पारंपरिक परिधानों में सजे बच्चे ढोल वालों की थाप पर कदम से कदम मिलाकर बढ़ते रहे। जैसे-जैसे बारात नगर की ओर बढ़ी, श्रद्धालुओं की भीड़ शामिल होती रही। बारात जब सौरिख तिराहे से होकर नगर में प्रवेश करने लगी तो मुख्य मार्ग पर जाम के हालात बन गए। राम बारात की आकर्षक छटा देखने के लिए लोग सड़क किनारे खड़े होकर इंतजार करते रहे। अस्पताल रोड पर रजत त्रिपाठी समेत अन्य लोगों ने बारात पर पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। वहीं, कई स्थानों पर बारात का स्वागत और हुआ। राम लक्ष्मण स्वरूप की आरती उतारी गई। दोपहर बाद नगर का भ्रमण करती हुई बारात कथास्थल आरएस यादव इंटर कालेज पहुंची। यहां ऋषिकेश से आए आचार्य ब्रह्मचारी शिवबली चौबे ने भगवान राम व माता जानकी का विवाह विधिवत संपन्न कराया। कथा पंडाल में मौजूद महिलाओं ने मंगल गीत गाए। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।
बैलगाड़ी पर रखा माता सीता का चढ़ावा
बारात में सीता माता की शादी के लिए चढ़ावे के जेवर भी ले जाए गए। पुरातन काल से चली आ रही परंपरा के अनुसार बड़े बक्से में सारा सामान रखा गया। बैलगाड़ी चलाने वाला पारंपरिक पगड़ी पहने दिखाई पड़ा। लोगों के मन में यादें ताजा हो गई।
देशभक्ति मंचन से सैनिकों की शहादत आई याद
बारात के पीछे आरएस यादव इंटर कालेज के बच्चों के सेना के जवानों को लेकर नाटक के मंचन ने खूब तालियां बटोरी। इसमें बच्चों ने बार्डर पर तैनात सैनिकों की दैनिक जीवनशैली को दिखाया और अचानक होने वाले आतंकियों के हमलों को भी प्रदर्शित किया। परिजनों की चिट्ठी आने पर खुशी होने से लेकर गोली लगने पर शहीद होने का भी मंचन किया गया। यह देखकर लोगों की आंखें नम हो गई और हाल ही में उड़ी में हुए हमले की याद ताजा हो गई।