अब साक्ष्य के अभाव में नहीं बच पाएंगे अपराधी
कन्नौज, जागरण संवाददाता : अब अपराधी साक्ष्य के अभाव में जल्दी छूट नहीं पाएंगे। उन्हें सजा दिलाने के
कन्नौज, जागरण संवाददाता : अब अपराधी साक्ष्य के अभाव में जल्दी छूट नहीं पाएंगे। उन्हें सजा दिलाने के लिए पुलिस उनके खिलाफ न्यायालय में पुख्ता सुबूत पेश करेगी। इसके लिए महानगरों की तर्ज पर राज्य सरकार जिलों में आधुनिक फारेंसिक किट से लैस मोबाइल यूनिट मुहैया कराने जा रही है। इसी सप्ताह प्रदेश के 40 जनपदों के साथ जिले में भी फारेंसिक मोबाइल लैब काम करना शुरू कर देगी। इससे जटिलतम अपराधों के साक्ष्यों की जांच शुरू हो जाएगी। इससे पहले यह सेवा केवल प्रदेश के आठ बड़े शहरों में ही थी।
हत्या, दुष्कर्म व डकैती जैसे जघन्य अपराधों के बाद अब पुलिस को फारेंसिक एक्सपर्ट का घंटों इंतजार करना नहीं पड़ेगा। बढ़ते अपराधों को देखते हुए शासन ने जिला स्तर पर फारेंसिक मोबाइल यूनिट उपलब्ध कराने को हरी झंडी दे दी है। इससे जिले की पुलिस क्राइम स्पॉट पर फारेंसिक एक्सपर्ट टीम के साथ पहुंचेगी। पुलिस महानिदेशक तकनीक सेवाएं उत्तर प्रदेश ने प्रथम चरण में कन्नौज समेत प्रदेश के 40 जिला प्रशासन को इस योजना का लाभ देने भूमिका तैयार कर ली है। इसके लिए प्रदेश की राजधानी में जिला स्तरीय फारेंसिक वैज्ञानिकों को प्रशिक्षण भी दिया जाने लगा। तीन दिवसीय प्रशिक्षण के बाद पांच मई को जिला प्रशासन को आधुनिक उपकरणों से लैस इस मोबाइल फारेंसिक लैब को सुपुर्द कर दिया जाएगा। पुलिस अधिकारियों का मानना है कि फारेंसिक मोबाइल यूनिट के सहयोग से पुलिस आसानी से क्राइम स्पाट पर अपराधियों द्वारा छोड़े गए सुबूतों व अन्य ¨बदुओ का संग्रह कर मामले का खुलासा करने में सक्षम रहेगी। इससे अपराधिक वारदातों पर अंकुश लगने के साथ शातिर अपराधी वारदात के बाद पुलिस को गुमराह भी नहीं कर सकेंगे। फारेंसिक जांच के लिए उपलब्ध कराई जाने वाली 50 लाख रुपए कीमत की मोबाइल वैन पूरी तरह से हाईटेक है।
इस तरह के उपकरणों से होगी जांच
अत्याधुनिक वैज्ञानिक तौर-तरीकों से लैस होकर पुलिस वारदातों की तफ्तीश कर सके। इसके लिए फारेंसिक जांच के उपकरणों से लैस विशेष वैन में एक साथ कई सुविधाओं को दिया गया है। इसमें ¨फगर¨प्रट रिकार्डिग फारेंसिक किट्स व क्राइमसीन इंवेस्टीगेशन किट्स के साथ कुल 22 उपकरण होंगे। इसमें ब्लड, सीमेन डिटेक्शन, विस्फोटक जांच किट, नारकोटिक्स जांच किट, गोली से हुए छेद की जांच करने के उपकरण के अलावा कई महत्वपूर्ण उपकरण मौजूद रहेंगे। इनकी मदद से घटनास्थल पर पहुंच कर पुलिस दल साक्ष्यों को वैज्ञानिक व विधि सम्मत तरीके से विधि विज्ञान प्रयोगशाला को भेजेगी। इसी आधार पर आई रिपोर्ट के मुताबिक जांच की दिशा आगे बढ़ाई जाएगी।
आसान होगा खुलासा
इंटरनेट के उपयोग के साथ साइबर अपराधों में भी इजाफा हुआ है। साइबर अपराधों की इंवेस्टिगेशन के लिए अधिकारी तो है, लेकिन साक्ष्यों, कम्प्यूटर उपकरणों की जांच के लिए कोई लैब जिले में नहीं है। ऐसे अपराधों की जांच को लेकर पुलिस या या अन्य विभागों के अधिकारियों को खासा परेशान होना पड़ता है। अत्याधुनिक मोबाइल यूनिट में साइबर एक्सपर्ट भी शामिल है। इससे साइबर क्राइम के मामलों को पुलिस आसानी से खुलासा कर सकेगी।
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''जिले में इसी सप्ताह से फारेंसिक मोबाइल यूनिट काम करना शुरू कर देगी। किसी भी स्थान पर वारदात होने की सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस अधिकारियों के साथ फारेंसिक टीम पहुंच कर साक्ष्यों व सुबूतों का संग्रह कर रिपोर्ट तैयार करेगी। इससे आपराधिक वारदातों का जल्द खुलासा होने के साथ-साथ अपराधियों को कड़ी सजा भी मिल सकेगी।''
- दिनेश कुमार, पुलिस अधीक्षक।