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हाइवे जाम होने से एक घंटे पड़ा रहा सिपाही का शव

छिबरामऊ, संवाद सहयोगी : दुर्घटना में सिपाही की मौत होने की सूचना पाकर जब अधिकारी मौके पर पहुंचने को

By Edited By: Published: Fri, 19 Dec 2014 01:03 AM (IST)Updated: Fri, 19 Dec 2014 01:03 AM (IST)
हाइवे जाम होने से एक घंटे पड़ा रहा सिपाही का शव

छिबरामऊ, संवाद सहयोगी : दुर्घटना में सिपाही की मौत होने की सूचना पाकर जब अधिकारी मौके पर पहुंचने को दौड़े, तो हाइवे पर हो रहा पेड़ों का कटान रास्ते में बाधा बन गया। काफी देर तक सीओ उस में फंसे रहे। ऐसे में सिपाही का शव करीब एक घंटे तक सड़क पर पड़ा रहा।

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गुरुवार सुबह 7 बजे के करीब प्रेमपुर चौकी के सिपाही की सड़क दुर्घटना में मौत की सूचना मिलते ही कोतवाल सीएल वर्मा तो निकल गये, लेकिन क्षेत्राधिकारी बीपी सिंह सोलंकी ग्राम मोहल नगला के सामने हरे पेड़ों के कटान के बीच फंस गये। पेड़ काटने वाले लोग हाइवे पर ही पेड़ों को डाल रहे थे, जिससे यातायात बाधित हो रहा था। इस चक्कर में करीब एक घंटे तक सिपाही का शव चौकी के सामने पड़ा रहा। बाद में सीओ पहुंचे और शव उठाया जा सका।

शव उठने में देरी से आक्रोश

सिपाही की मौत के बाद उसका शव एक घंटे तक हाइवे पर पड़ा रहने से बस्ती के लोग बेहद आक्रोशित थे। लोगों का कहना था कि जब पुलिस अपने साथी को लेकर उदासीन है, तो आम आदमी की स्थित के बारे में सोचना ही बेमानी है।

जून में चौकी प्रेमपुर में मिली थी तैनाती

दुर्घटना में मौत का शिकार हुआ सिपाही औरैया जनपद अंतर्गत थाना दिबियापुर के गांव भग्गा का पुरवा का निवासी था। सिपाही को जून माह में प्रेमपुर चौकी पर तैनाती दी गयी थी। वह 20 जनवरी 1984 को पुलिस में भर्ती हुआ। कानपुर नगर से जून माह में उसका स्थानांतरण कन्नौज के लिए हुआ था। पुलिस लाइन में आने के बाद 15 जून 2014 को कोतवाली की प्रेमपुर चौकी पर तैनाती दी गयी थी। चौकी पर तैनात अन्य सिपाहियों के अलावा आसपास के लोगों का कहना था कि सिपाही प्रेमनरायन बेहद मिलनसार व सरल स्वाभाव के व्यक्ति थे।

चौकी इंचार्ज गये थे विवेचना में

चौकी इंचार्ज प्रेमपुर चंद्रपाल सोलंकी दुर्घटना में सिपाही की मौत होने के समय चौकी पर नहीं थे। पता चला कि वह किसी मुकदमे की विवेचना का दिल्ली गये हैं। उनके स्थान पर उपनिरीक्षक जगन्नाथ सिंह को तैनात किया गया था। गुरुवार सुबह वह भी चौकी से कोतवाली चले आये थे। उनको फायरिंग में शामिल होने के लिए उपनिरीक्षक राजेंद्र सिंह के साथ पुलिस लाइन में जाना था। ऐसे में चौकी पर केवल सिपाही ही तैनात थे।


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