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खाद-बीज की कालाबाजारी, भटक रहे किसान

ठठिया, संवाद सूत्र : खाद-बीज की कालाबाजारी से परेशान होकर किसान दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है। सर

By Edited By: Published: Thu, 27 Nov 2014 01:12 AM (IST)Updated: Thu, 27 Nov 2014 01:12 AM (IST)
खाद-बीज की कालाबाजारी, भटक रहे किसान

ठठिया, संवाद सूत्र : खाद-बीज की कालाबाजारी से परेशान होकर किसान दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है। सरकारी गोदामों पर किसानों को खाद-बीज नसीब नहीं हो रहा रहा। गोदामों पर बिचौलियों का बोलबाला होने से विभागीय कर्मचारी धन उगाही करने में लगे हैं।

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जिला प्रशासन भले ही किसानों को खाद-बीज सरकारी रेट पर उपलब्ध कराने के बड़े-बड़े दावे कर रहा हो, लेकिन हकीकत में किसानों को अतिरिक्त दाम पर ही खाद-बीज मिल पा रहा है। कस्बे के सुरेंद्र वर्मा ने बताया कि यूरिया खाद 334 रूपए में मिलनी तय है, लेकिन सरकारी गोदामों पर 380 से लेकर 400 रूपए तक दी जा रही है। पल्टेपुर्वा गांव निवासी करन सिंह 15 बीघा आलू की फसल बोई है। यूरिया खाद न मिलने से फसल बर्बाद होने की कगार पर पहुंच गई। बहादुरपुर निवासी रामबाबू ने बताया कि गेहूं की फसल को लेकर बीज लेने के लिए गोदाम पर चक्कर काट रहे, लेकिन बिचौलियों के कारण बीज नहीं मिल पा रहा। 100 अतिरिक्त प्रति बोरी की मांग की जा रही है। भुलभुलियापुर के सोनपाल ने बताया कि आलू की फसल के लिए मजबूरन बिचौलिया की मदद से 50 रूपए अतिरिक्त देकर यूरिया खरीदी है। इन्होंने बताया कि कालाबाजारी को लेकर बीते दिनों में अफसरों से शिकायत भी दर्ज कराई, लेकिन कार्रवाई तो दूर जांच करने के लिए भी कोई नहीं पहुंचा। उपजिलाधिकारी महेश चंद्र शर्मा ने बताया कि कालाबाजारी के मामले की जांच करके दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।


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