बाइक तो खूब बिकी, पर हेलमेट नहीं
कन्नौज, जागरण संवाददाता : सड़क हादसों में कई बाइक सवार सिर्फ इसलिए मौत के मुंह में समा गए, वह हेलमेट
कन्नौज, जागरण संवाददाता : सड़क हादसों में कई बाइक सवार सिर्फ इसलिए मौत के मुंह में समा गए, वह हेलमेट नहीं पहने थे। ऐसे घटनाओं के बाद सभी के मुंह से निकलता है यदि हेलमेट पहने होता तो शायद जान नहीं जाती, लेकिन हादसे का दिन बदलते ही लोगों की यह सुझाव भी बदल जाता है। इस मामले में कई बार जनजागरण चलाया गया, लेकिन बाइक सवार अधिकांश लोग हेलमेट का इस्तेमाल करने में रुचि नहीं ले रहे हैं। बाजार के आंकड़े इस बात को पुख्ता कर रहे हैं। लोग बाइक तो खरीद रहे, लेकिन हेलमेट इक्का-दुक्का लोग ही खरीद रहे।
इस वक्त आदमी अपने मोबाइल की स्क्रीन को स्क्रेच से बचाने के लिए 250 रुपए का स्क्रीन गार्ड तो लगवा लेता है, लेकिन अपनी जिंदगी बचाने के लिए हजार-आठ सौ का हेलमेट नहीं खरीद सकता। बाजार में अक्टूबर का ही आंकड़ा हासिल किया गया तो हेलमेट खरीदने वालों की संख्या न के बराबर थी। पिछले माह 10 स्कूटर, 76 मोपेड, 1457 बाइकों की बिक्री हुई। इसके सापेक्ष हेलमेट 150 नहीं बिके। इससे साफ जाहिर हो रहा है कि लोग अपनी सुरक्षा के लिए सचेत नहीं है। इस मामले को लेकर कुछ बाइक शोरूम मालिकों से भी बात की गई तो सबका कहना था कि एजेंसी पर हेलमेट बिक्री के लिए मौजूद हैं। सेल्समैन दुपहिया वाहन खरीद रहे ग्राहक को हेलमेट के फायदे भी बताता है, इसके बावजूद लोग उसे नहीं खरीदते हैं। बहुत से ग्राहकों को हेलमेट बेचना अतिरिक्त कमाई का जरिया लगता है। यदि बाइक से साथ हेलमेट बेचना अनिवार्य कर दें तो बाइक की कीमत ज्यादा लगती है। इस कारण अलग-अलग दाम बताना पड़ता है। इस पर लोग बाइक तो खरीद लेते, लेकिन हेलमेट नहीं।
''बगैर हेलमेट चलने वाले दुपहिया वाहन चालकों पर सख्ती बरती जा रही है। वाहन चालकों को स्वयं सोचना चाहिए कि हेलमेट उन्हीं की सुरक्षा के लिए है। इस कारण उसका इस्तेमाल करना चाहिए। हेलमेट के लिए विशेष अभियान भी चलाया जाएगा।''
- सुभाष चंद्र शाक्य, अपर पुलिस अधीक्षक