सरकार ने गरीब कन्याओं की शादी से 'हाथ' खींचे
कन्नौज, जागरण संवाददाता : चालू वित्तीय वर्ष में सरकार के पास गरीब कन्याओं की शादी को धन का अभाव है।
कन्नौज, जागरण संवाददाता : चालू वित्तीय वर्ष में सरकार के पास गरीब कन्याओं की शादी को धन का अभाव है। इसकी वजह से शादी अनुदान योजना को इस वर्ष स्थगति कर दिया गया है। धन अभाव का खामियाजा सभी वर्गो के लाभार्थियों को उठाना पड़ेगा। योजना का लाभ न मिलने पर हजारों गरीब लाभार्थियों को मायूस होना पड़ेगा, जबकि वह इस योजना से लाभान्वित होने के लिए सैकड़ों रुपए खर्च कर चुके हैं।
शासन ने संयुक्त सचिव जीसी कठेरिया ने पिछड़ा वर्ग कल्याण के निदेशक को पत्र लिखा है। इसमें कहा कि वित्तीय वर्ष 2014-15 में गरीब रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले व्यक्तियों की पुत्रियों की शादी एवं बीमारी हेतु बजट प्राविधान अत्यंत कम है। इसकी वजह से शादी-बीमारी योजनाओं को इस वर्ष स्थगति कर दिया गया है। उन्होंने पिछड़ा वर्ग कल्याण निदेशक को शासन द्वारा लिए गए निर्णय के क्रियान्वयन को निर्देशित किया है। इस पत्र पर पिछड़ा वर्ग के संयुक्त निदेशक रामकेवल ने सभी जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारियों को पत्र भेजा है। साथ ही इसकी प्रतिलिपि सभी जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी को भेजी है।
शादी-बीमारी योजना से सरकार द्वारा हाथ खड़े कर दिए जाने से गरीब की कन्याओं को इस बार अनुदान नहीं मिल पाएगा। मालूम हो कि इस योजना के तहत गरीब परिवारों की पुत्रियों की शादी के लिए 10 हजार रुपए व बीमारी के लिए पांच हजार रुपए देने का प्राविधान है।
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इन पात्रों को मिलता लाभ
शादी-बीमारी योजनांतर्गत सभी वर्गो के गरीब लोग पात्रता की श्रेणी में आते हैं। इसमें शहरी क्षेत्र में उनकी वार्षिक आय करीब 24 हजार व ग्रामीण क्षेत्र में उनकी वार्षिक आय करीब 19 हजार है। इसके अलावा भूमिहीन, निराश्रित महिलाओं व विधाओं को वरीयता क्रम में रखा जाता है। उसी के आधार पर पात्रों का चयन योजना से लाभान्वित किया जाता है।
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2801 पात्रों को योजना का था इंतजार
वित्तीय वर्ष 2014-15 में कुल 2801 आवेदनकर्ताओं को शादी-बीमारी योजना का लाभ मिलने का इंतजार था। इसमें समाज कल्याण विभाग में 1133, पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग में 1168 व अल्पसंख्यक वर्ग कल्याण विभाग में 500 से अधिक लोगों ने आवेदन किया था। लाभ मिलने के इंतजार में आवेदनकर्ता कार्यालय के चक्कर लगाकर बैरंग वापस लौट जा रहे हैं।