झांसी जासूसी प्रकरण की जांच के दायरे में तीन एडीएम
झांसी में एसडीएम दफ्तर से सेना के दस्तावेज लीक होने के मामले में एटीएस ने चार अधिकारियों पर निगाह केंद्रित की है। एटीएस उनसे पूछताछ करेगी।
लखनऊ (जेएनएन)। झांसी में एसडीएम सदर के दफ्तर से सेना के दस्तावेज और सूचना लीक होने के मामले में एटीएस ने चार अधिकारियों पर निगाह केंद्रित की है। एटीएस उनसे पूछताछ करेगी। इस बाबत उन्हें सूचना भी भेज दी गई है। इसके साथ ही उन कर्मचारियों के बारे में भी जांच की जाएगी जो स्टेनो राघवेंद्र अहिरवार के करीबी रहे हैं और एसडीएम दफ्तर में पूर्व में तैनात रहे हैं। एटीएस ने अपनी जांच में एसडीएम दफ्तर से सूचनाएं लीक करने के लिए फिलहाल स्टेनो राघवेंद्र अहिरवार को दोषी माना है। इस अपराध में सात साल से कम सजा होने की वजह से उसे गिरफ्तार तो नहीं किया गया है, लेकिन पूछताछ का सिलसिला जारी रहेगा।
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विभागीय जांच शुरू
इस बीच राघवेंद्र को निलंबित कर उसके खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है। सूत्रों के अनुसार राघवेंद्र ने पूछताछ में यह स्वीकार किया है कि 2009 में तैनात रहे एक एसडीएम ने उसे मौखिक रूप से आदेश दिए थे कि अमुक व्यक्ति को वांछित सूचनाएं दे दिया करो। यह अधिकारी अब प्रोन्नत होकर पूर्वांचल में एडीएम पद पर नियुक्त बताया जाता है। झांसी एसडीएम पद पर उनके बाद आने वाले दो अन्य अधिकारियों से भी एटीएस पूछताछ करेगी। ये अधिकारी भी एडीएम पद पर प्रोन्नत हैं। राघवेंद्र ने पूछताछ में जिस मेजर यादव के बारे में बताया है, वह छद्म नाम हो सकता है, एटीएस अंतरराष्ट्रीय काल के सहारे उसके बारे में सही जानकारियां पता करने में जुट गई है। उल्लेखनीय है कि राघवेंद्र ने बताया है कि उसे नौ अंकों वाले नंबर से काल किया जाता रहा है। यूपी एटीएस के आइजी असीम अरुण ने बताया कि फिलहाल इस मामले में जांच चल रही है। जांच के दायरे में जो भी अधिकारी आएंगे, उन्हें पूछताछ के लिए तलब किया जाएगा।
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