गैराहा परीक्षा केन्द्र पर अ़फसरों के सामने फेंकी गई ऩकल
झाँसी : जनपद के बंगरा ब्लॉक के गौरेया इण्टर कॉलिज गैराहा में आज अ़फसरों के छापे में ऩकल की स्थिति प
झाँसी : जनपद के बंगरा ब्लॉक के गौरेया इण्टर कॉलिज गैराहा में आज अ़फसरों के छापे में ऩकल की स्थिति पायी गयी। इस पर डीआइओएस ने केन्द्र व्यवस्थापक व 3 कक्ष निरीक्षकों को तुरन्त हटा दिया। अ़फसरों के छापे में अनियन्त्रित हो रहे छात्रों के लिए पुलिस बल बुलाया गया।
जनपद के ग्रामीण क्षेत्र में गैराहा स्थित इण्टर कॉलिज में ऩकल की सूचना पर आज एसडीएम मऊरानीपुर सुनील कुमार शुक्ल व डीआइओएस डॉ. नीरज कुमार पाण्डेय भारी पुलिस बल के साथ शाम की पाली में लगभग 2.20 बजे पहुँचे। अ़फसरों के पहुँचने पर ऩकल कर रहे छात्रों में हड़कम्प मच गया और कुछ छात्रों ने ऩकल की पर्चियां फेंकनी शुरू कर दी। छात्र आपस में बात कर ऩकल करते पाए गए। इस पर उड़नदस्ते ने सघन जाँच शुरू कर दी। इससे कुछ छात्रों ने विरोध किया, तो पुलिस बुला ली गयी। जिसके बाद परीक्षार्थी शान्त हो गए। डीआइओएस ने शिथिलता पर केन्द्र व्यवस्थापक सन्तोष कुमार समाधिया को तुरन्त हटा दिया और कॉलिज के वरिष्ठ प्रवक्ता सत्येन्द्र सिंह को केन्द्र व्यवस्थापक का कार्य दिया। साथ ही 3 कक्ष निरीक्षक भी तुरन्त हटा दिए गए। इस दौरान उन्होंने तीनों के ख़्िाला़फ जाँच कर परीक्षा अधिनियम के तहत कार्यवाही के भी निर्देश दिए। एसडीएम व डीआइओएस शाम की पाली में इण्टर की परीक्षा में पूरे समय बैठे रहे और उत्तर पुस्तिका के सील होने के बाद ही वापस आए। उन्होंने नए केन्द्र व्यवस्थापक को कड़ाई से परीक्षा कराने को कहा है।
इधर, हमारे बंगरा प्रतिनिधि ने बताया कि उड़नदस्ते के सामने ही धड़ाधड़ ऩकल फेंकी गयी। छापे के दौरान परीक्षा कक्ष के बाहर काफी ऩकल एकत्र हो गयी। कक्ष नम्बर 13 में एक परीक्षार्थी ऩकल करते पकड़ा, तो 14 में एक शिक्षक की जेब में ऩकल की पर्ची निकली। एसडीएम के निर्देश पर सभी शिक्षकों की तलाशी की गयी। इस परीक्षा केन्द्र पर ठेके से ऩकल होने की शिकायत वर्षो से की जा रही है।
महिलाओं का उड़नदस्ता दौड़ा
डीआइओएस के निर्देश पर जीआइसी की प्रभारी प्रधानाचार्या संध्या त्रिपाठी के नेतृत्व में शिक्षिकाओं का सचल दल बनाया गया है। सचल दल में 6 महिला शिक्षिकाओं को रखा गया है। यह उड़नदस्ता स्वकेन्द्र पर परीक्षा दे रही छात्राओं की जाँच करेगा। आज इस दल ने गुरुकुल इण्टर कॉलिज, ज्ञानस्थली व वीरांगना झलकारी बाई इण्टर कॉलिज का सघन निरीक्षण किया। इधर, सूरज प्रसाद राजकीय बालिका इण्टर की परीक्षा केन्द्र प्रभारी संध्या चतुर्वेदी के स्थान पर वरिष्ठ प्रवक्ता रुपवती खोइया को केन्द्र प्रभारी बनाया गया है।
कुलपति ने किया विभागों का निरीक्षण
झाँसी : बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय में प्रस्तावित नैक टीम के निरीक्षण को लेकर तैयारियाँ अन्तिम चरण में हैं। नैक टीम 22 मार्च की शाम तक यहाँ आ जाएगी, जो 23 से 25 मार्च तक निरीक्षण व विभिन्न बैठक में विश्वविद्यालय के कार्यो का मूल्यांकन करेगी। कुलपति प्रो. सुरेन्द्र दुबे नैक टीम को लेकर की जा रही तैयारियों की लगातार समीक्षा कर रहे हैं। कुलपति आज बीएड समेत कई विभागों में गए और तैयारियों का निरीक्षण किया। नैक टीम के लिए विभिन्न विभागों को दुरुस्त कर सा़फ-सुथरा किया जा चुका है। हर विभाग में स्मार्ट क्लास व एलसीडी लगा दी गयी है। साथ ही पढ़ाने के लिए नए बोर्ड व नोटिस बोर्ड लगा दिए गए हैं। लैब को पूरी तरह व्यवस्थित कर दिया गया है। विश्वविद्यालय का सभागार भी पूरी तरह सजकर तैयार है, जहाँ पर टीम के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे। टीम विश्वविद्यालय के पुरातन छात्रों से भी बात करेंगे।
बुन्देलखण्ड प्रभारी व को-ऑर्डिनेटर की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल
झाँसी : बसपा की मण्डलीय समीक्षा बैठक में झाँसी मण्डल में 9 विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी प्रत्याशियों की स्थिति को लेकर समीक्षा की गयी। बुन्देलखण्ड प्रभारी पूर्व एमएलसी नौशाद अली ने कहा कि कार्यकर्ता व पदाधिकारी चुनाव परिणाम से निराश न हों। पार्टी सुप्रीमो के निर्देश पर प्रत्येक माह की 11 तारीख को काला दिवस मनाकर अपना विरोध प्रकट करें। उन्होंने भाजपा की सा़िजश से ईवीएम में धाँधली का पार्टी मुखिया का आरोप दोहराया। बुन्देलखण्ड प्रभारी लालाराम अहिरवार ने भी विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर पर मुख्य ़जोन को-ऑर्डिनेटर भूपेन्द्र आर्य, डॉ. बृजेश जाटव, चन्द्र दत्त गौतम, मुकेश अहिरवार, बीके गौतम, पूर्व विधायक केपी सिंह, सीताराम कुशवाहा, पूर्व विधायक प्रागीलाल अहिरवार, पूर्व विधायक कैलाश साहू आदि उपस्थित रहे। ़िजलाध्यक्ष मुन्ना पाली ने अध्यक्षता व विधानसभा क्षेत्र अध्यक्ष चन्द्रभान आदिम ने आभार व्यक्त किया। सलीम खान ने संचालन किया। इधर, समीक्षा बैठक में पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने बुन्देलखण्ड प्रभारी व अन्य को-ऑर्डिनेटर, बड़े पदाधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल भी उठाए। कहा गया कि कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों की बातों को अनसुना किया गया। आक्रोशित कार्यकर्ताओं को समझाने के बजाय आवा़ज दबाने की कोशिश की गई, तो कार्यकर्ता भड़क गए।