विदेशी को देशी बनाकर करा दी ट्रेन में ऐण्ट्रि
झाँसी : ट्रेन में विदेशी पर्यटकों को देशी बनाकर कोटे का लाभ दिलाया, पर पकड़े गये। पर्यटकों से इसके लि
झाँसी : ट्रेन में विदेशी पर्यटकों को देशी बनाकर कोटे का लाभ दिलाया, पर पकड़े गये। पर्यटकों से इसके लिए जुर्माना वसूल किया गया। पर्यटक इस पर अचम्भित रह गये, पर बाद में उन्हें समझा-बुझाकर रवाना करा दिया गया। इसमें गाइड की गलती बतायी जा रही है।
नई दिल्ली से हबीबगंज जा रही शताब्दी एक्सप्रेस में आगरा से 11 विदेशी पर्यटकों के साथ ही 1 गाइड चढ़ा। इनके पास सीनियर सिटि़जन कोटे का टिकिट था। सी-2 कोच में बैठे इन पर्यटकों को कोच कण्डक्टर ने देखा, तो उन्हें वे इस कोटे के लायक नहीं लगे। उम्र पर असमंजस था, जिस पर उन्होंने कण्ट्रोल को इसकी जानकारी दी। ट्रेन के झाँसी स्टेशन आने पर कर्मचारियों ने इसकी चेकिंग की, तो पाया कि विदेशी यात्रियों को इस कोटे का लाभ ही नहीं मिलता। उनका टिकिट बुक कराने पर विदेशी नागरिक कोटा वाले कॉलम पर क्लिक करना होता है। जबकि ट्रेन में यात्रा कर रहे विदेशी पर्यटकों के पास जो टिकिट था, वह सीनियर सिटि़जन कोटे से बना था। इस पर पता चला कि टिकिट बनाते वक्त इसमें सामान्य लोगों की तरह नाम व उम्र भर दी गयी, जिससे कम्प्यूटराइ़ज्ड प्रणाली द्वारा टिकट बन गया। कुल मिलाकर इन पर्यटकों के विदेशी होने की जानकारी छिपायी गयी। इस पर पर्यटकों से जुर्माने की माँग की गयी। पर्यटक पहले तो समझ ही नहीं पाए, पर बाद में नियम समझ आने पर उन्होंने 11 ह़जार रुपए जुर्माने के रूप में दिये। उल्लेखनीय है कि पर्यटकों के टिकिट गाइड द्वारा बनवाये जाते हैं, इसी में कुछ गलती हुई।
कैशलेस : सरकारी विभाग ही पीछे
- रेलवे को छोड़ अब तक कहीं पॉस मशीनें नहीं
झाँसी : देश को कैशलेस प्रणाली अपनाने के लिए सरकार तमाम तरह के प्रयास तो कर रही है, पर सरकारी विभाग खुद ही इसमें बहुत पीछे हैं। रेलवे को छोड़ दिया जाए, तो कहीं अभी तक पॉस मशीनें भी नहीं लग पायी हैं। आम लोगों को आधार बेस्ड ट्रां़जैक्शन करने की हिदायत दी जा रही है, पर व्यवस्था कहीं दिखायी नहीं दे रही। नोटबन्दी के इतने दिन बीत जाने के बाद भी सरकारी विभागों का यह हाल समझ से परे है।
नोटबन्दी के बाद सरकार नागरिकों को कैशलेस लेन-देन करने के लिए प्रेरित कर रही है। ऑनलाइन लेन-देन करने पर रियायतों का एलान कर दिया गया है। आम जनता को यह भी सलाह दी जा रही है कि परेशान न हों और आधार बेस्ड ऑनलाइन भुगतान करें, पर इसके लिए व्यवस्था करने में सभी पीछे हैं। सिर्फ रेलवे ने ही अभी तक पॉइण्ट ऑफ सेल मशीन लगायी हैं, जिससे यह हो पा रहा है। बीएसएनएल के बिल का ऑनलाइन भुगतान करने पर भी रियायत दी जा रही है, पर विभाग में पॉस मशीन ही नहीं है। अन्य केन्द्रीय व राज्य अधीन अधिकांश विभागों की भी कमोवेश यही स्थिति है। ऑनलाइन लेन-देन इस विभागों की ऩजर में सिर्फ वेबसाइट आधारित ही बचा है। ऐसे में जो लोग अंगूठा लगाकर ऑनलाइन भुगतान करना चाहते हैं, वे क्या करें, इसका कोई इन्त़जाम अभी तक नहीं है। तमाम तरह के एलान तो सभी विभाग कर रहे हैं, पर सही मायने में वे इस मामले में संजीदा नहीं लगते।
जीएसटी में नामांकन की तिथि बढ़ी
झाँसी : प्रदेश में इन दिनों वैट से जीएसटी में नामांकन कराने की प्रक्रिया चल रही है। जीएसटीयंश एजेंसी ने व्यापारियों को जीएसटी में नामांकन कराने की तिथि 10 जनवरी से बढ़ाकर 17 जनवरी कर दी है। अब व्यापारी 17 जनवरी तक जीएसटी में नामांकन करा सकते हैं।
वाणिज्य कर विभाग के खण्ड-6 के प्रभारी वाणिज्य कर अधिकारी जितेन्द्र कुशवाहा ने बताया कि जीएसटी 1 अप्रैल से प्रारम्भ होने की सम्भावना है। इसके लिए कारोबारियों को जीएसटी पोर्टल पर अपना ब्यौरा माइग्रेट कराना है। वैट से जीएसटी में ऑन लाइन नामांकन के लिए व्यापारी को मोबाइल पर यू़जर आइडी नम्बर व पासवर्ड दिया जा रहा है, जिससे जीएसटी में नामांकन किया जा सकता है। वाणिज्य कर अधिकारी ने बताया कि जीएसटी में पंजीयन में आ रही समस्या के लिए कार्यालय में हेल्प डेस्क बनाये गए हैं। व्यापारी अपनी समस्या सीधे अधिकारी को भी बता सकते हैं। 17 जनवरी के बाद व्यापारियों के पंजीयन निरस्त करने की कार्यवाही की जाएगी।
शिविर में दिया ़कानूनी परामर्श
झाँसी : सारथी सामाजिक संस्थान के तत्वावधान में आयोजित शिविर में राजस्व, चकबन्दी, रजिस्ट्रेशन, बालश्रम, महिला हिंसा, पारिवारिक विवाद, एनआइ ऐक्ट, जनसूचना अधिकार अधिनियम-2005 आदि विषयों पर नि:शुल्क ़कानूनी परामर्श दिया गया। इस मौके पर अमरनाथ गुप्त एड. पूजा गुप्ता एड. ओम प्रकाश निरंजन, रानी, राजेन्द्र, रामप्यारे, बाबूलाल वर्मा, जोगेन्द्र यादव, लक्ष्मी प्रसाद राजपूत आदि उपस्थित रहे। उर्मिला गुप्ता ने आभार व्यक्त किया।
धम्म गोष्ठी में नैतिकता पर जोर
झाँसी : भारतीय बौद्ध महासभा के तत्वावधान में प्रभूदयाल आदिम के मुख्य आतिथ्य तथा काशीराम बौद्ध की अध्यक्षता में धम्म गोष्ठी हुयी, जिसमें वक्ताओं ने कहा कि भगवान बुद्ध ने पंचशील के सिद्धान्त पर आधारित प्रज्ञा व शील के माध्यम से नैतिकता पर जोर दिया है, इसके पालन से ही समाज में समरसता घुलेगी। इस मौके पर हरीदास सुमन, सीताराम अहिरवार, हरचरन लाल बौद्ध, जगदीश बाबू, गंगाराम अहिरवार, सुन्दर लाल जाटव आदि उपस्थित रहे।