एपी एक्सप्रेस में बम की अफवाह से हड़कम्प
झाँसी : एपी एक्सप्रेस में बम की सूचना से हड़कम्प मच गया। यात्री परेशान हो गए, तो रेलवे पुलिस की साँस
झाँसी : एपी एक्सप्रेस में बम की सूचना से हड़कम्प मच गया। यात्री परेशान हो गए, तो रेलवे पुलिस की साँस भी अटकी रही। बीना (मध्य प्रदेश) में चेक होने के बाद दोपहर में ट्रेन झाँसी आयी, तो डॉग स्क्वॉड व मेटल डिटेक्टर की मदद से ट्रेन का कोना-कोना छाना गया, पर कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला। पिछली बार की तरह इस बार भी सूचना भोपाल कण्ट्रोल से मिली।
एपी एक्सप्रेस रात लगभग 10 बजे भोपाल स्टेशन से चली, तो भोपाल कण्ट्रोल को किसी ने सूचना दी कि ट्रेन के पीछे वाली जनरल बोगी में बम रखा हुआ है। कण्ट्रोल से सूचना सभी स्टेशन को दी गई, तो हड़कम्प मच गया। चूँकि इस ट्रेन का भोपाल से झाँसी के बीच कोई स्टॉपेज नहीं है, इसलिए रेलवे अधिकारियों के हाथ-पाँव फूल गए। उच्च अधिकारियों के निर्देश पर ट्रेन को बीना स्टेशन पर रुकवाकर चेक कराया गया। पूरी ट्रेन की चेकिंग के दौरान कोई भी संदिग्ध वस्तु नहीं मिली, जिसके बाद ट्रेन को रवाना करा दिया गया। ट्रेन के झाँसी आने से पहले ही स्टेशन को छावनी में तब्दील कर दिया। प्रभारी निरीक्षक जीआरपी रविचन्द्र मिश्रा व उप निरीक्षक आरपीएफ नन्दलाल मीणा की अगुवाई में रेलवे पुलिस ने स्टेशन पर डेरा जमा लिया। डॉग स्क्वॉड को भी बुला लिया गया। रात लगभग 2 बजे ट्रेन झाँसी आयी, तो उसकी फिर चेकिंग शुरू कर दी गई। इंजन से लेकर ट्रेन की सभी बोगी के अन्दर तक सभी जगहों को खँगालने के बाद जब कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली, तब जाकर रेलवे पुलिस ने राहत की साँस ली। जीआरपी प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि ट्रेन पहले चेक हो चुकी थी, पर सूचना को गम्भीरता से लेते हुए यहाँ भी चेक कराया गया। चेकिंग के बाद कहने की स्थिति में हैं कि सूचना अफवाह साबित हुई है। उन्होंने बताया कि यात्रियों को समझा-बुझाकर रवाना करा दिया गया।
बौने हुए ़कानून के हाथ!
पुलिस खुद की कितनी भी पीठ थपथपाती रहे, पर लगातार मिली रही ऐसी धमकियों के बावजूद अफवाह फैलाने वालों का पकड़ा न जाना बताता है कि ़कानून के हाथ बौने साबित हुए हैं। दो महीने में यह तीसरी धमकी थी, जिसमें ट्रेन को निशाना बनाने की बात कही गयी। पिछले दो मामलों में फोन करने वाले तक ही पुलिस अभी तक नहीं पहुँच पायी है। पुलिस को चुनौती देते हुए फिर एक बदमाश ने ऐसी धमकी दे डाली। सर्वेलन्स, कॉल डिटेल, हर एजेंसी का सहयोग जैसे तन्त्र होने के बाद भी पुलिस कॉल करने वालों तक नहीं पहुँच पा रही।