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सड़क पर उतरीं 'विवादों की बस'

झाँसी : प्राइवेट बस ऑपरेटर्स के विरोध और क्षेत्रीय प्रबन्धक के निलम्बन की वजह से विवादों में आई लोहि

By Edited By: Published: Sat, 29 Aug 2015 12:30 AM (IST)Updated: Sat, 29 Aug 2015 12:30 AM (IST)

झाँसी : प्राइवेट बस ऑपरेटर्स के विरोध और क्षेत्रीय प्रबन्धक के निलम्बन की वजह से विवादों में आई लोहिया बसें एक बार फिर सड़क पर उतार दी गई हैं। परमिट मिलने के संकेत और हाइकमान के आदेश पर इन बसों का संचालन प्रारम्भ किया गया है। यह बसें लगभग 4 सप्ताह से डिपो में खड़ी थीं।

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ग्रामीणों को शहर से जोड़ने के लिए शासन द्वारा शुरू की गई लोहिया बस सेवा ने झाँसी रोडवे़ज विभाग में उथल-पुथल मचा दी है। विवाद की नींव तभी रख गई, जब मुख्यमन्त्री ने ललितपुर से लोहिया बस सेवा का शुभारम्भ किया। दरअसल, ललितपुर में डिपो न होने के कारण ललितपुर से चलने वाली बसों को झाँसी डिपो लाया जाना आवश्यक था, लेकिन प्राइवेट बस ऑपरेटर्स इसका विरोध कर रहे थे। लोहिया बस होने के कारण किराया कम है, जिससे प्राइवेट बस संचालकों को नु़कसान होने लगा। चूँकि रोडवे़ज के पास झाँसी-ललितपुर रूट के लिए 15 बसों का परमिट नहीं था, जिसके आधार पर विरोध बढ़ता चला गया। 31 अगस्त को हाइकमान ने बिना परमिट की बसों का संचालन रोकने के आदेश दिए और ललितपुर से संचालित 15 लोहिया बसें गैरेज में खड़ी कर दी गई। मुख्यमन्त्री की प्राथमिकता में शामिल लोहिया बसों के पहिए तो थम गए, परन्तु अन्दरखाने में इसकी आग सुलगने लगी। लगभग 25 दिन बाद इन्हीं बसों का संचालन रोकने के आरोप में क्षेत्रीय प्रबन्धक प्रभाकर मिश्रा को मुख्यालय ने निलम्बित कर दिया, जिससे रोडवे़ज ही नहीं, बल्कि परिवहन विभाग में भी हड़कम्प मच गया और लोहिया बसों के परमिट की प्रक्रिया ते़ज कर दी गई। सूत्रों की मानें तो कुछ बसों के परमिट की प्रक्रिया लगभग पूरी होने की स्थिति बनते ही मुख्यालय ने फिलहाल 10 बसों का संचालन प्रारम्भ करने के निर्देश दे दिए, जिसके बाद यह बसें सड़क पर उतार दी गई। हालाँकि 5 लोहिया बसें अब भी डिपो में खड़ी हैं, लेकिन जल्द ही इन बसों के संचालन की सम्भावना भी जताई गई है।

रोडवे़ज विभाग में चर्चाएं

लोहिया बसों को लेकर क्षेत्रीय प्रबन्धक प्रभाकर मिश्रा के निलम्बन से विभाग में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। कर्मचारियों को समझ में नहीं आ रहा है कि जब हाइकमान ने ही बिना परमिट की बसों के संचालन पर रोक लगाई थी, तो क्षेत्रीय प्रबन्धक को निलम्बित करने की यही वजह कैसे हो सकती है?

फोटो : 28 एसएचवाई 2

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रक्षा बन्धन : ट्रेन्स व बसों में उमड़ी भीड़

झाँसी : बहनों को मायके जाने की जल्दी थी, तो घर से बाहर काम करने वालों को वापस लौटने की। ट्रेन में जगह नहीं मिली, तो बस का सहारा लिया, जिससे रेलवे स्टेशन व बस स्टैण्ड पर यात्रियों की भीड़ उमड़ पड़ी।

हिन्दू समाज में रक्षा बन्धन पर्व का विशेष महत्व है। परम्परा के अनुसार विवाहित बहनें रक्षा बन्धन पर मायके जाती हैं। दूसरे शहरों में रहकर जीविका चलाने वाले भाई भी घर लौटते हैं। पर्व मनाने के लिए आज ऐसे लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। रि़जर्वेशन पहले से फुल होने के कारण लोगों ने साधारण दर्जे का टिकिट लेकर स़फर किया, जिससे अधिकांश ट्रेन के जनरल कोच ठसाठस भर गए। ट्रेन में जगह न मिलने के कारण कई लोगों ने बस का सहारा लिया, लेकिन यहाँ भी मुश्किल से स़फर करना पड़ा। कुछ यात्रियों को तो बस की छत पर बैठकर मंजिल पर पहुँचना पड़ा।

बा़जारों में आई रौनक

रक्षा बन्धन पर्व को लेकर बा़जार पूरी तरह से गुलजार हो गए। महिलाओं ने अपनी पसन्द की राखी खरीदी, तो भाइयों ने बहनों के लिए उपहार। गहने, कपड़े व गिफ्ट सेण्टर्स पर तो दिनभर ग्राहकों का रेला लगा रहा। मिठाई की बिक्री भी आज से ही जोर पकड़ गई।

दोपहर बाद का मुहूर्त

रक्षा बन्धन पर्व की शुरूआत इस बार भद्राकाल में हो रही है। इसे देखते हुए प्रात: राखी बाँधना वर्जित रहेगा। महन्त विष्णुदत्त स्वामी के अनुसार अपराह्न 1.30 बजे से शाम 7.50 बजे तक रक्षा बन्धन पर्व का शुभ मुहूर्त है। वहीं दिल्ली के ज्योतिर्विद के अनुसार शुभ मुहूर्त 1.53 बजे से प्रारम्भ होगा। महन्त विष्णु दत्त ने बताया कि जनेऊ धारण करने वाले लोग भी इसी मुहूर्त पर विधि विधान से जनेऊ बदल सकते हैं।


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