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दिनदहाड़े रेलवे क्वार्टर में चोरी

झाँसी : बस्तियों में जहाँ दिन में चहल़कदमी रहती है, तो रेलवे क्वार्टर्स में सन्नाटा-सा पसरा रहता है।

By Edited By: Published: Sat, 04 Jul 2015 01:58 AM (IST)Updated: Sat, 04 Jul 2015 01:58 AM (IST)
दिनदहाड़े रेलवे क्वार्टर में चोरी

झाँसी : बस्तियों में जहाँ दिन में चहल़कदमी रहती है, तो रेलवे क्वार्टर्स में सन्नाटा-सा पसरा रहता है। साथ ही क्वार्टर्स की पीछे की तरफ की दीवारें नीचे रहती हैं। उस पर रेल कर्मी की एक भूल उसको महँगी पड़ गयी। दरवाजे पर लगे इण्टरलॉक ताले में चाबी लगी छोड़कर। इसका लाभ उठाते हुए चोर लाखों रुपए के जेवर व ऩकदी बटोरकर भाग गए।

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रेलवे की महारानी लक्ष्मी नगर में बड़ी संख्या में क्वार्टर बने हुए हैं। आरबी सेकण्ड 599ए डीआरएम ऑफिस में डीपीओ के स्टेनो राजेश कुमार तिवारी को आवण्टित है। उनकी पत्नी शिक्षा विभाग में टीचर हैं। करीब एक साल पहले इनके क्वार्टर से चोर कपड़े ले गए थे। इस पर उन्होंने क्वार्टर के आगे और पीछे वाले दरवाजों में इण्टरलॉक ताले लगवा लिये थे। साथ ही ग्रिल के दरवाजों पर लोहे की जाली लगवा दी थी। आज सुबह राजेश की पत्नी 8 बजे स्कूल के लिए चली गयीं, तो 10 बजे वह भी ऑफिस चले गए। दोपहर लगभग 2 बजे घर आकर देखा, तो कमरे में रखी अलमारी का सामान बिखरा पड़ा था और उसके लॉकर भी खुले हुए थे। इसके बाद पीछे का दरवाजा देखा, तो उसकी जाली कटी हुई थी और इण्टरलॉक ताले में चाबी लगी थी। अन्दा़ज लगाया जा रहा है कि चोर पीछे की दीवार फाँद कर अन्दर आए और फिर जाली काटकर उन्होंने अन्दर हाथ डालकर चाबी से ताले को खोला। इसके बाद अन्दर अलमारी को खँगाला और लॉकर की चाबी भी अलमारी में मिलने के बाद वह लॉकर में रखे करीब 4 लाख रुपए के जेवर और ऩकदी लेकर भाग गए। राजेश ने घटना की सूचना प्रेमनगर पुलिस को दी। पुलिस ने निरीक्षण कर तहरीर ले ली। देर शाम पुलिस मामला दर्ज कराने की तैयारी कर रही थी।

न पति की रही, न ही प्रेमी की

0 शादी का झाँसा देकर करता रहा शारीरिक शोषण

0 अश्लील फोटो खींचकर ब्लैकमेल का आरोप लगाया

झाँसी : एक युवती प्रेम के मायाजाल में ऐसी भटकी कि उसने पति को तो धोखा दिया ही, लेकिन जिस प्रेमी के लिए उसने यह ़कदम उठाया, उसने भी बीच मझधार में छोड़ दिया। अब पीड़िता न्याय के लिए भटक रही है।

महिला थाना पुलिस को तहरीर देकर दतिया गेट बाहर रहने वाली एक युवती ने बताया कि उसकी शादी आशिक चौराहा के पास रहने वाले एक युवक से करीब डेढ़ साल पहले हुई थी। उसके घर पुलिया नम्बर नौ में रहने वाला एक युवक आता था। उसने शादी का प्रलोभन देकर उसको अपने प्रेमजाल में फँसा लिया। शादी का वायदा करके वह पिछले एक साल से उसका यौन शोषण करता रहा। इच्छा के विरुद्ध जोर जबरदस्ती से अश्लील फोटो खींच लिए और उसको ब्लैकमेल करता रहा। पीड़िता ने उससे शादी करके साथ रखने को कहा, तो उसने जान से मारने की धमकी दी। पीड़िता ने आरोपी के विरुद्ध ब्लैकमेल करके बलात्कार करने का मु़कदमा दर्ज कराने की गुहार की है। साथ आए लोगों में एक व्यक्ति ने बताया कि जब पति को यह जानकारी लगी कि उसकी पत्नी के एक युवक से सम्बन्ध हैं, तो उसने भी पत्नी से मुँह मोड़ लिया है।

फोटो : 3 एसएचवाइ 4

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अस्पताल व नर्सिग होम से ही

बनेंगे जन्म-मृत्यु प्रमाण-पत्र

0 कार्यशाला आयोजित कर स्टाफ को दी नई व्यवस्था की जानकारी

0 100 से अधिक अस्पताल में करीब 40 के प्रतिनिधियों ने लिया भाग

झाँसी : जन्म-मृत्यु प्रमाण-पत्र के लिए नगर निगम के चक्कर न काटने पड़ें, इसको लेकर एक नई व्यवस्था की गई हैं, जिसके तहत अस्पताल व नर्सिग होम्स में ही लोगों के प्रमाण-पत्र बन जाएंगे। इसकी जानकारी देने के लिए आज एक सेमिनार का आयोजन नगर निगम के सदन कक्ष में किया गया।

महानगर में एक सैकड़ा से अधिक प्राइवेट अस्पताल व नर्सिग होम्स हैं। नगर निगम ने इन सभी को पत्र भेजकर जन्म-मृत्यु के प्रमाण-पत्र जारी करने की नई विधि के बारे में बताने के लिए बुलाया। इसमें से करीब 40 प्रतिनिधि ही उपस्थित हुए। नगर आयुक्त अरुण प्रकाश, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राकेश बाबू गौतम वे आइटी विशेषज्ञ राकेश कुमार साहू ने प्रतिनिधियों को ऑनलाइन जन्म-मृत्यु प्रमाण-पत्र जारी करने की विधि बतायी। उन्होंने बताया कि अस्पताल से 24 घण्टे के अन्दर प्रमाण-पत्र जारी कर दिया जाएगा। इसके लिए सभी अस्पताल व नर्सिग होम्स की अलग-अलग लॉग-इन आइडी बनाकर दी जाएगी। चिकित्सक फॉर्म में सभी जानकारी भरकर उसका सत्यापन करके भेजेंगे, इसके बाद नगर स्वास्थ्य अधिकारी उस पर डिजिटल हस्ताक्षर कराके डाल देंगे, जिसको इण्टरनेट के माध्यम से कभी भी निकाला जा सकता है। नगर आयुक्त ने बताया कि यह व्यवस्था इसलिए लागू की गई है, ताकि लोग समय पर प्रमाण-पत्र बनवा लें और उनको जन्म-मृत्यु प्रमाण-पत्र के लिए नगर निगम नहीं आना पड़े। उन्होंने बताया कि जिन नर्सिग होम्स व प्राइवेट अस्पताल के प्रतिनिधि नहीं आए हैं, उनको अलग से प्रशिक्षण दिया जाएगा।


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