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ट्रक की टक्कर से भाई-बहन घायल, बाइक क्षतिग्रस्त

झाँसी : बड़ागाँव निवासी नरेन्द्र (18) अपनी बहन पुष्पा के साथ बाइक से बड़ागाँव की ओर जा रहा था। इसी दौर

By Edited By: Published: Sat, 25 Apr 2015 01:38 AM (IST)Updated: Sat, 25 Apr 2015 01:38 AM (IST)

झाँसी : बड़ागाँव निवासी नरेन्द्र (18) अपनी बहन पुष्पा के साथ बाइक से बड़ागाँव की ओर जा रहा था। इसी दौरान गोरामछिया के निकट ट्रक ने बाइक में टक्कर मार दी, जिससे वे घायल हो गए और बाइक क्षतिग्रस्त। घायलावस्था में उन्हें मेडिकल कॉलिज लाया गया।

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चरवाहा घायल

गोरामछिया निवासी मुन्नालाल (60) बकरी चराकर लौट रहा था कि गोरामछिया के समीप ट्रक ने टक्कर मार दी, जिससे वह घायल हो गया। उसे मेडिकल कॉलिज लाया गया।

आपे चालक के विरुद्ध मु़कदमा

झाँसी : सदर बा़जार थाना क्षेत्र के हाथी मैदान के समीप गत दिनों आपे की टक्कर लगने से बाइक सवार दो लोग घायल हो गए। पुलिस ने आपे चालक के विरुद्ध मु़कदमा दर्ज कर लिया। कोतवाली क्षेत्र के बाहर सागर गेट निवासी राजेन्द्र ने पुलिस को सूचना देते हुए बताया कि 17 अप्रैल को आपे चालक ने बाइक (यूपी 93 एएन 2482) में टक्कर मार दी थी, जिससे उसका भाई राजेश व रहीम अली घायल हो गए। पुलिस ने आपे (यूपी 93 टी 8365) चालक के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया।

युवती ने हेयर डाई पीकर दी जान

- 5 ने विषाक्त पदार्थ खाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया

झाँसी : एक युवती ने कतिपय कारणों के चलते हेयर डाई पीकर जान दे दी, जबकि अन्य स्थानों पर 5 लोगों ने विषाक्त पदार्थ खाकर आत्महत्या करने की कोशिश की। हालत बिगड़ने पर सभी को मेडिकल कॉलिज में भर्ती कराया गया।

़िजला हमीरपुर थाना जरिया क्षेत्र के गोहन निवासी उदय करण की पत्‍‌नी देव कुमार (35) ने तनाव के बाद हेयर डाई पी ली। हालत बिगड़ने पर उसे मेडिकल कॉलिज लाया गया, जहाँ उसने दम तोड़ दिया। दूसरी ओर प्रेमनगर थाना क्षेत्र के राजगढ़ निवासी इमरान खान (19), शाहजहाँपुर थाना क्षेत्र के बिरगुवाँ निवासी बृजेश (25), इन्दरगढ़ (दतिया) थाना क्षेत्र के पूराकला निवासी दिनेश कुमार (28), दिनारा (शिवपुरी) के कपिल देव (21) व बरुआसागर थाना क्षेत्र के तेदौल निवासी नरेन्द्र (19) की विषाक्त पदार्थ खाने से हालत बिगड़ गई।

फोटो : 24 एसएचवाई 3

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बेसमेण्ट में बने गोदाम में लगी आग

- दमकल की 4 गाड़ियों ने पाया आग पर काबू

झाँसी : कोतवाली क्षेत्र के बड़ाबा़जार में बेसमेण्ट में बने गोदाम में अचानक आग से लगने दवाइयाँ व गत्ता धू-धू कर जलने लगे। दमकल कर्मियों ने बड़ी मशक्कत के बाद किसी तरह आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक लाखों रुपये मूल्य की दवाइयाँ जल कर राख हो गयी।

सीपरी बा़जार थाना क्षेत्र के आवास विकास नन्दनपुरा निवासी हर्षित गौर की बड़ाबा़जार में दवा की दुकान और बेसमेण्ट में गोदाम बना हुआ है, जिसमें दवाइयां रखी हुयी थीं। हर्षित दुकान पर बैठा था, तभी उसे गोदाम से धुआँ निकलता दिखायी दिया। उसने आनन-फानन में दमकल विभाग को सूचना दी। जानकारी होने पर सीओ (सिटि) कल्याण सिंह यादव, मुख्य अग्निशमन अधिकारी महावीर सिंह, अग्निशमन अधिकारी रमेश चन्द्र, बड़ागाँव गेट चौकी प्रभारी अरविन्द सिंह, नागरिक सुरक्षा संगठन के वॉर्डन व दमकल कर्मी मौके पर पहुँच गए। पहले दमकल की दो गाड़ियों ने आग पर काबू पाने का प्रयास किया, इसके बाद दो और गाड़ियाँ पहुँच गई और आग पर काबू पा लिया। गोदाम में विद्युत कनेक्शन नहीं था, इसलिए शॉर्ट सर्किट से आग लगने की बात नहीं कही जा सकती। हर्षित का कहना है कि अग्निकाण्ड में 6 से 7 लाख रुपए का नु़कसान होने का अनुमान है।

बीच में बॉक्स

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फिर बेसमेण्ट!

झाँसी : महानगर में जानलेवा दुर्घटना हो - वाहन खड़े करने के लिए होने वाले झगड़े हों या फिर आगजनी जैसा कोई हादसा - बेसमेण्ट चर्चा में अवश्य आ जाता है। आए भी क्यों नहीं? उसका गलत इस्तेमाल ऐसे ही हादसों को जन्म देगा। बहुमंजिली आवासीय इमारत हो या फिर व्यावसायिक कॉम्प्लैक्स - बेसमेण्ट का प्रविधान इसलिए किया गया है, ताकि लोगों को अपने वाहन पार्क करने के लिए नियमों को ताक पर न रखना पड़े। लेकिन हो इसका उलटा रहा है - महानगर के अधिकांश इमारतों में बेसमेण्ट बने हैं, पर इसका इस्तेमाल किसी और काम के लिए हो रहा है। लगभग दो माह पहले जीवनशाह तिराहा पर बने होटल प्राइड का मामला लोग भूले नहीं होंगे। होटल संचालक बेसमेण्ट का व्यावसायिक इस्तेमाल कर रहे थे, सो यहाँ आने वाले वाहन दूसरों की दुकान के सामने खड़े होने लगे। ऐसे में एक दुकानदार ने अपने दुकान के सामने वाहन खड़ा करने से मना किया, तो मारपीट हो गयी। गलती किसी और ने की, खामियाजा भुगता उस दुकानदार ने, जिसने अपने दुकान के आगे वाहन खड़े करने पर ऐतरा़ज जताया था। लोग जीवनशाह के पास बने दो व्यावसायिक भवन - मोदी और मेट्रो टावर - को तो शायद ही भूल पाएं। इन दोनों ही स्थलों पर आने वाले वाहन आधी से अधिक सड़क घेर कर खड़े रहते हैं। 4-5 जानलेवा हादसों के साथ ही यहाँ कई छोटी-बड़ी दुर्घटना हो चुकी है। लगभग तीन माह पहले यहाँ लगातार हुए 2 जानलेवा हादसे के बाद हो-हल्ला मचा, तो प्रशासन ने इस समस्या की जड़ पर प्रहार करने के स्पीड ब्रेकर लगवा दिए। स्पीड ब्रेकर से वाहनों की गति पर तो लगाम कसी जा सकती है, पर क्या इससे यहाँ सड़क पर खड़े होने वाले वाहनों पर रोक लग पाएगी? सुबह 9 बजे से रात्रि 10 बजे के बीच का ऩजारा यह साबित करने के लिए काफी है कि यहाँ से निकलना आज भी आसान नहीं। ऐसे मामलों में प्रशासन जब तक दृढ़ इच्छाशक्ति नहीं दिखाएगा, लोग यूँ ही हादसों का शिकार होते रहेंगे।


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