टूटते-टूटते रह गई हड़ताल
झाँसी : वेतन के लिए हड़ताल कर रहे डीआरडीए कर्मचारियों से बात बनते-बनते बिगड़ गई। दो माह के वेतन पर रजा
झाँसी : वेतन के लिए हड़ताल कर रहे डीआरडीए कर्मचारियों से बात बनते-बनते बिगड़ गई। दो माह के वेतन पर रजामन्द कर्मचारी हड़ताल छोड़ने के लिए तैयार हो गए, लेकिन पहले इनकम टैक्स भरने की शर्त ने ़कदम पीछे खींचने को मजबूर कर दिया। नारा़ज कर्मचारी फिर धरने पर बैठ गए।
लगभग 6 माह से वेतन न मिलने के कारण डीआरडीए कर्मचारी 61 दिनों से लगातार हड़ताल कर रहे हैं। विभाग के कार्य प्रभावित होते देख पिछले दिनों प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास ने स्थानीय स्तर पर उपलब्ध धनराशि से कर्मचारियों को वेतन देने के निर्देश दिए, लेकिन अधिकारियों ने इस आदेश पर अमल नहीं किया। किसी तरह की राहत न मिलने पर कर्मचारियों ने न्यायालय की शरण ली। न्यायालय ने 16 मार्च तक वस्तु स्थिति से अवगत कराने के निर्देश दिए, तो प्रशासन सक्रिय हुआ और शासन को अवगत कराया। गत दिवस शासन ने दो माह का वेतन देने के लिए 16 लाख रुपए डीआरडीए को भेज दिए। पीडी डीआरडीए उग्रसेन सिंह यादव ने कर्मचारियों से वार्ता करते हुए दो माह का वेतन लेकर हड़ताल समाप्त करने को कहा, तो कर्मचारियों ने सहमति जता दी और गुरुवार को वेतन के चेक भी बन गए। कर्मचारी कार्यालय पहुँचे तथा हा़िजरी रजिस्टर पर हस्ताक्षर कर दिए, लेकिन चेक देने की बारी आई तो पीडी डीआरडीए ने पहले इनकम टैक्स जमा करने की शर्त सामने रख दी। कर्मचारियों ने वेतन का भुगतान करने के बाद इनकम टैक्स जमा करने की बात कही, लेकिन अधिकारी नहीं माने और कर्मचारी एक बार फिर हड़ताल पर बैठ गए। उप्र डीआरडीए इम्प्लॉई़ज यूनियन के अध्यक्ष राजेश कुमार शर्मा ने बताया कि वेतन न मिलने के कारण कर्मचारी गम्भीर आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। उनके पास इनकम टैक्स जमा करने के लिए पैसा नहीं है। उन्होंने कहा कि विभाग अगर वेतन से इनकम टैक्स काटकर शेष धनराशि उपलब्ध करा देता है, तो कर्मचारियों को स्वीकार होगा।
अब संसद पर होगा धरना
डीआरडीए कर्मचारियों के वेतन का संकट केवल झाँसी में ही नहीं है, बल्कि देशभर में है। इसके कर्मचारियों को कई माह से वेतन नहीं मिल पा रहा है। अभी तक ये कर्मचारी मुख्यालय स्तर पर आन्दोलन कर रहे हैं, लेकिन अब ऑल इण्डिया डीआरडीए स्टाफ वेलफेयर असोसिएशन ने संसद भवन पर अनिश्चितकालीन धरने का एलान किया है। ़िजलाध्यक्ष राजेश कुमार शर्मा ने बताया कि 16 मार्च को देशभर के कर्मचारी दिल्ली जाकर धरने में शामिल होंगे।
टीए को मिल सकेगा मानदेय
झाँसी : अस्पष्ट शासनादेश के कारण तीन माह से मानदेय के लिए भटक रहे तकनीकी सहायकों (टीए) को ़िजलाधिकारी ने फौरी राहत दे दी है। उन्होंने सामग्री खर्च के 6 प्रतिशत की दर से दो माह का मानदेय देने के निर्देश दिए हैं।
ग्राम पंचायतों में तैनात तकनीकी सहायकों को 8 ह़जार रुपए प्रतिमाह मानदेय के रूप में दिए जाते थे। शासन ने दिसम्बर माह में इसकी प्रक्रिया बदलते हुए सामग्री पर व्यय राशि का 1 प्रतिशत मानदेय के रूप में देने के निर्देश दिए। इससे समस्त टीए के मानदेय में परिवर्तन आ गया। मुसीबत तब बढ़ी, जब ग्राम पंचायतों में एमआइएस फीडिंग न होने के कारण सामग्री का भुगतान नहीं हुआ, जिससे मानदेय नहीं निकाला जा सका। ऐसी परिस्थतियाँ देखते हुए शासन से दिशा-निर्देश माँगे गए, परन्तु अब तक शासन की गाइडलाइन जारी नहीं हो पाई। मानदेय के लिए भटक रहे तकनीकी सहायकों का मामला ़िजलाधिकारी के समक्ष रखा गया, तो उन्होंने टीए को सामग्री पर व्यय धनराशि का 6 प्रतिशत के हिसाब से दो माह का मानदेय देने के निर्देश दिए है।
फोटो हाफ कॉलम
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करन के ़कदम बॉलीवुड में
0 झाँसी के करन सहायक निर्देशक के रूप में बना रहे अपनी पहचान
झाँसी : जब शौक हो ़िफल्में बनाने का, तो भला ़कदम कैसे ठहरते? उठाया बैग और निकल पड़े मुम्बई की जगमगाती दुनिया का हिस्सा बनने। ़िफल्म निर्देशक के रूप में स्थापित होने का सपना लिये 4 महीने तक बॉलीवुड गलियारों के चक्कर लगाये, निर्देशन और निर्देशकों के जीवन पर आधारित न जाने कितनी किताबें पढ़ डालीं..इस बीच अपनी प्रतिभा निखारते रहे और आखिरकार मिला एक ब्रेक..! मं़िजल तक पहुँचने का रास्ता मिल ही गया और सहायक निर्देशक के रूप में असिस्ट की हाल ही में रिली़ज ़िफल्म 'रूम दि मिस्ट्री।' जिसकी बात हो रही है- वह और कोई नहीं, बल्कि अपने झाँसी में ही जन्मे और पले-बढ़े करन हैं। प्रेमगंज निवासी करन अरोरा जय अकैडमि से 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण कर अब बीकॉम कर रहे हैं और साथ ही ़िफल्म मेकिंग में अपनी प्रतिभा भुनाने के लिये निरन्तर प्रयासरत हैं। मात्र 19 वर्ष की उम्र में उन्होंने उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल की हैं। राम गोपाल वर्मा के कैम्प में निर्देशक जीशान अली की लघु ़िफल्म '़जाफर' में भी उन्होंने प्रमुख सहायक निर्देशक के रूप में काम किया है। यह ़िफल्म लघु ़िफल्म फेस्टिवल के लिये भेजी जा रही है। पेप टॉक आर्टिस्ट द्वारा निर्मित म्यू़िजक ऐल्बम 'अगेन' में वह प्रमुख सहायक निर्देशक व प्रोडक्शन कण्ट्रोलर रहे। अब वह नशे पर आधारित एक लघु ़िफल्म 'अडिक्शन' की शूटिंग झाँसी में ही शुरू करने जा रहे हैं। ऋषिकेश मुखर्जी और अनुराग कश्यप के निर्देशन से प्रेरित करन भारत को बेस्ट ़िफल्म का ऑस्कर अवॉर्ड दिलाने का सपना देखते हैं। माता-पिता के आशीर्वाद, अपनी योग्यता व कठिन परिश्रम के बल पर वह बुन्देलखण्ड का नाम रोशन करना चाहते हैं।