हैलो, मैं कमिश्नर बोल रहा हूँ
0 अधिकारियों के पास पहुँच रहे फोन 0 ग्रामीणों से की जा रही भ्रमण की तस्दीक झाँसी : ऑफिस की आरामद
0 अधिकारियों के पास पहुँच रहे फोन
0 ग्रामीणों से की जा रही भ्रमण की तस्दीक
झाँसी : ऑफिस की आरामदायक कुर्सी पर बैठकर फील्ड विजिट की फर्जी रिपोर्ट बनाने वाले अधिकारियों की अब खैर नहीं। मण्डलायुक्त का फोन किसी भी अफसर के मोबाइल पर कभी भी घनघना सकता है। फोन बजा तो झूठ बोलना आसान नहीं होगा, क्योंकि वह सिर्फ फील्ड में होने की जानकारी से ही सन्तुष्ट नहीं होंगे, बल्कि किसी ग्रामीण से बात कर मौजूदगी की तस्दीक भी करेंगे।
नियमत: अधिकारियों का कार्यालय में बैठकर कार्य करना आवश्यक है तो क्षेत्र में जाकर योजनाओं की टोह लेने की ़िजम्मेदारी भी है, परन्तु अधिकारियों के एक वर्ग ने फील्ड विजिट से लगभग पल्ला ही झाड़ लिया है। ऐसे भी अफसर हैं जो अधीनस्थों से निरीक्षण कराते हुए रिपोर्ट बना देते हैं। मण्डलायुक्त के. राममोहन राव ने साफ कर दिया है कि मण्डल स्तर से लेकर निचले पायदान तक के सभी अधिकारी फील्ड विजिट करेंगे तथा फोटोग्राफ के साथ रिपोर्ट देंगे। ढर्रे को बदलने की कोशिश में जुटे मण्डलायुक्त ने अफसरों पर लगाम कसने का एक और फॉर्मूला निकाल लिया है। कार्यालय में बैठकर वह किसी भी अधिकारी को फोन लगाकर उनकी मौजूदगी की जानकारी ले रहे हैं। अफसर जिस गाँव में होने की बात कहते हैं, उसकी तस्दीक वह नजदीक में खड़े किसी ग्रामीण से करते हैं। मण्डलायुक्त के नए फॉर्मूले का अधिकारियों में भय कायम हो गया है। उन्होंने लेखपाल, कानूनगो, नायब तहसीलदार, तहसीलदार, एसडीएम के साथ ही खण्ड विकास अधिकारियों, एडीओ, डीडीओ, पीडी डीआरडीए समेत अन्य अधिकारियों मोबाइल नम्बर्स एकत्र करा लिए हैं। इन नम्बर्स पर वह स्वयं या उनके द्वारा नामित कर्मचारी से फोन कराते हुए स्थितियों का जायजा ले रहे हैं।
कठघरे में मण्डलायुक्त के 'प्रहरी'
0 अधिकांश नहीं दे रहे सही सूचनाएं
0 नए लोगों को जोड़ने की तैयारी शुरू
झाँसी : दफ्तर में बैठकर तीनों जनपद की खैर-ख़्ाबर लेने के लिए उपलब्ध कराए गए कुछ मोबाइल नम्बर्स मण्डलायुक्त की निगाह में चढ़ गए हैं। शक है कि उक्त नम्बर्स पर सही जानकारी नहीं मिल रही है। इसे देखते हुए अब मण्डलायुक्त ने प्रहरियों को बदलने की तैयारी प्रारम्भ कर दी है। ऐसे लोगों की तलाश हो रही है, जो मण्डलायुक्त की तीसरी आँख बनकर क्षेत्र की समस्याओं की निष्पक्ष जानकारी दे सकें।
मण्डलायुक्त का कार्यक्षेत्र काफी बड़ा होता है। झाँसी, ललितपुर, जालौन जनपद के प्रत्येक वार्ड या मोहल्ले की निगरानी करना मुश्किल भरा काम है। इसे देखते हुए मण्डलायुक्त ने नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायतों के समस्त वार्ड मेम्बर्स के सम्पर्क नम्बर्स मँगाए। इसके साथ ही क्षेत्र के दो गणमान्य नागरिकों के सम्पर्क नम्बर्स भी एकत्र किए। यही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों पर निगाह रखने के लिए ग्राम पंचायत सचिवों के मोबाइल नम्बर भी मण्डलायुक्त ने एकत्र करा लिए हैं। नगरीय क्षेत्र के सम्पर्क नम्बर्स की सूची नगर निकाय के अधिकारियों ने उपलब्ध कराई है। उन्होंने क्षेत्र का हाल जानने के लिए दफ्तर में कर्मचारियों की तैनाती कर दी है। कर्मचारी फोन पर पार्षद व गणमान्य नागरिकों से समस्या जानकार मण्डलायुक्त को बताते हैं और मण्डलायुक्त सम्बन्धित विभाग को अग्रसारित कर तत्काल कार्यवाही कर रिपोर्ट तलब करते हैं। सूत्रों की मानें तो इनमें कुछ ही नम्बर्स पर सही सूचनाएं दी जा रही हैं, जबकि अधिकांश नम्बर्स पर क्षेत्र में सबकुछ चकाचक होने की बात कही जा रही है। इससे मण्डलायुक्त का माथा ठनक गया है। उन्हें शक है कि अधिकारियों ने अपने चहेतों के नम्बर्स उपलब्ध करा दिए हैं, जो कमियाँ बताने की बजाए अधिकारियों का गुणगान गाते हैं। जबकि क्रास जाँच में उक्त क्षेत्र में तमाम कमियाँ सामने आ रही हैं। इसे देखते हुए मण्डलायुक्त के. राममोहन राव ने अब प्रहरियों को बदलने की तैयारी शुरू कर दी है। हालांकि अभी यह तय नहीं हो पाया है कि वे कौन लोग होंगे, जो मण्डलायुक्त को क्षेत्र की वास्तविक समस्याओं की जानकारी दे सकें। प्रयास हो रहे हैं कि प्रहरियों का चयन निष्पक्ष किया जाए और उसमें अधिकारियों का दखल कम से कम हो।