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दीया तले अँधेरा

By Edited By: Published: Wed, 30 Jul 2014 01:29 AM (IST)Updated: Wed, 30 Jul 2014 01:29 AM (IST)

झाँसी : डॉक्टर को भगवान का दूसरा रूप माना जाता है और जो भी बीमार इनके पास आता है, सिर्फ यही आस लेकर कि वह जल्दी से स्वस्थ हो जाए। लेकिन क्या ये सिर्फ उन्हीं के लिए है, जिनकी देखभाल करने वाला कोई हो? इस तस्वीर को देखिए- मेडिकल कॉलेज के आकस्मिक विभाग के सामने प्रतीक्षालय के पास लगभग 60 वर्षीय एक अज्ञात वृद्ध लाचार अवस्था में लगभग 10 दिनों से है। चलने फिरने और बोलने में असमर्थ इस वृद्ध को देखने वाला कोई भी नहीं है। दया भाव के चलते मेडिकल कॉलेज में आने-जाने वाले लोग उसे कुछ खाने-पीने के लिए दे देते हैं। लोगो को कहना है कि कुछ दिनों पहले इसे लावारिस अवस्था में मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था, लेकिन उसके साथ कोई न होने के कारण चिकित्सकों ने भी उससे मुँह फेर लिया। और अब यह पीड़ित इस मौसम में खुले आसमान के नीचे बस इसी आस में जीने को म़जबूर है कि शायद कोई आकर उसे फिर से खड़ा कर दे।

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