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तीन करोड़ लंबित मुकदमों के निस्तारण में मध्यस्थों की भूमिका होगी अहम

जागरण संवाददाता, जौनपुर : जिला न्यायालय न्यायालयों में लंबित तीन करोड़ मुकदमों के त्वरित निस्तारण में

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Feb 2017 01:01 AM (IST)Updated: Sun, 26 Feb 2017 01:01 AM (IST)
तीन करोड़ लंबित मुकदमों के निस्तारण में मध्यस्थों की भूमिका होगी अहम
तीन करोड़ लंबित मुकदमों के निस्तारण में मध्यस्थों की भूमिका होगी अहम

जागरण संवाददाता, जौनपुर : जिला न्यायालय न्यायालयों में लंबित तीन करोड़ मुकदमों के त्वरित निस्तारण में मध्यस्थ अहम भूमिका निभा सकते हैं। मध्यस्थ को दोनों पक्षों को आमने-सामने बैठाकर सीधे संवाद करा कर मुकदमों का निस्तारण करना चाहिए। इसमें दोनों पक्षों को गलतफहमी नहीं पैदा होगी। निस्तारण इस प्रकार करें कि किसी पक्षकार का अहित न हो। साथ ही दोनों पक्षों की बात भी मध्यस्थ को गोपनीय रखनी चाहिए। उक्त बातें भारत सरकार के सहायक सॉलीसिटर जनरल अशोक मेहता ने शनिवार को दीवानी न्यायालय हाल में मध्यस्थता जागरुकता कार्यक्रम के दौरान कही।

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उन्होंने कहा कि समयाभाव के कारण लंबित मुकदमे नहीं निबटाए जा पा रहे हैं। जिससे वादकारी को मिलती है केवल तारीख। दीवानी न्यायालय में सॉलीसिटर जनरल के साथ आए मध्यस्थ उषा किरण व अफजल अहमद ने अमेरिका व भारत में मध्यस्थता के इतिहास पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर जिला जज का नंदलाल, सिविल जज राजीव कुमार पालीवाल एवं अन्य न्यायिक अधिकारी, संघ के अध्यक्ष दिनेश प्रताप ¨सह, मंत्री अनिल ¨सह कप्तान, नरेंद्र प्रताप मिश्र आदि मौजूद रहे।


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