पूविवि में सुरक्षा गार्डो की संख्या जरूरत से कम
जागरण संवाददाता, मल्हनी (जौनपुर) : वीर बहादुर ¨सह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में एमबीए छात्रा के सा
जागरण संवाददाता, मल्हनी (जौनपुर) : वीर बहादुर ¨सह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में एमबीए छात्रा के साथ क्लास में घुसकर दुष्कर्म प्रयास की वारदात ने सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है। विश्वविद्यालय कितना सुरक्षित है यह लोगों को बखूबी देखने को मिल गया। प्रशासन को सुरक्षा गार्डो की संख्या बढ़ाने पर विचार करना पड़ा। रविवार को सुबह कुलपति अपने आवास से कहीं जाने के लिए निकले और मेन गेट पर जाकर रुक गए। इस दौरान उन्होंने सुरक्षा गार्डों को इकट्ठा कर जरूरी दिशा-निर्देश दिया। निर्देश के बाद परिसर में हर आने-जाने वालों पर कड़ाई कर दी गई। दीपावली की छुट्टी हो जाने से छात्र घर चले गए। इस वजह से परिसर में सन्नाटा पसरा रहा।
विश्वविद्यालय में प्रशासनिक भवन, कुलपति आवास, कर्मचारी आवास गर्ल्स व बॉयज के चार-पांच हॉस्टल, केंद्रीय मूल्यांकन केंद्र, इंजीनिय¨रग विभाग, प्रबंध संकाय, फार्मेसी संस्थान, कला संकाय, एमसीए भवन, राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यालय, शिक्षक अतिथि गृह, लाइब्रेरी रोवर्स-रेंजर्स, एकलव्य स्टेडियम सुरक्षा का मुख्य प्वाइंट हैं। प्रशासनिक भवन, कुलपति आवास और कर्मचारी आवास को छोड़कर हर जगह एक-एक सुरक्षा गार्ड की तैनाती होती है। जहां एक गार्ड 8 घण्टे ड्यूटी करता है। लापरवाही की हद है, मेन गेट से 24 घंटे लोगों का आना-जाना लगा रहता है। जहां सिर्फ एक सुरक्षा गार्ड लगाया जाता है। विवि में सुरक्षा गार्डो की संख्या 69 है जिसमें से सबसे अधिक गार्ड कुलपति, कर्मचारी आवास और गेस्ट हाउस और प्रशासनिक भवन पर ड्यूटी करते हैं। वीसी आवास पर छह, गेस्ट हाउस व गेट पर चार, वित्त अधिकारी आवास पर तीन, कर्मचारी आवास पर तीन, प्रशासनिक भवन पर सात, मीराबाई और द्रोपदी महिला हॉस्टल पर तीन महिला व एक पुरुष सुरक्षा गार्ड ड्यूटी करते हैं, लेकिन जहां पर छात्र छात्राएं पठन-पाठन करते हैं। वहां के स्थानों पर 8 घंटे लगातार एक ही सुरक्षा गार्ड से ड्यूटी कराई जाती है। इसके चलते सुरक्षा व्यवस्था ढीली पड़ जाती है। जिस बात को छात्र- छात्राओं ने विश्वविद्यालय प्रशासन के समक्ष रखा। कहा विश्वविद्यालय परिसर में सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर महज खानापूर्ति की जा रही है। छात्राओं की सुरक्षा को देखते हुए विश्वविद्यालय में गार्डो की संख्या बढ़ाया जाना बहुत जरूरी है। रविवार की सुबह त्योहार की छुट्टी पर यहां सन्नाटा पसरा रहा। घर जाने के लिए हॉस्टल से निकलते वक्त छात्र, छात्राएं आपस में चर्चा कर रहे थे कि देखिए लौटने के बाद कितना परिवर्तन देखने को मिलता है।
इनसेट..
कौन सुनेगा, किसको सुनाएं, इसीलिए चुप रहते हैं..
़िफल्म झंकार में किशोर कुमार का यह गीत पूर्वांचल विश्वविद्यालय सुरक्षा गार्डों पर सटीक बैठता है।
विश्वविद्यालय मेस व पीएफ काटने के बाद प्रत्येक सुरक्षा गार्ड को 13 हजार रुपये के हिसाब से गार्ड एजेंसी को देता है जिसमें चीफ गार्ड को 17 हजार और गनमैन को 16 हजार गार्ड एजेंसी से निर्धारित है। गार्डों को वर्दी, जूता, मोजा एजेंसी ही उपलब्ध कराती है।
कुछ दिन पहले गार्डो ने विश्वविद्यालय प्रशासन से रात के वक्त पेट्रो¨लग के लिए टार्च मुहैया कराए जाने की बात रखी। जिसे विश्वविद्यालय प्रशासन ने देने से इनकार कर दिया। कहा कि नौकरी करनी है तो यह सब कुछ अपने इस्तेमाल करने पड़ेंगे। विवि प्रशासन टार्च नहीं देगा जिसके बाद गार्ड चुप बैठ गए।
25 शराबी कर्मियों से तंग सुरक्षा कर्मी
मल्हनी (जौनपुर) : वीर बहादुर ¨सह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में कार्यरत दो दर्जन से अधिक नशेड़ी कर्मचारियों से सुरक्षा गार्ड हलाकान हैं। गार्ड बताते हैं कि दिन-रात कैम्पस में शराबी कर्मचारियों का आना-जाना लगा रहता है। परिसर में विभिन्न स्थानों पर बैठकर शराब पीते हैं और गाली- गलौज हंगामा करते हैं। मना करने पर वह सुरक्षा गार्डों से मारपीट के लिए उतारू हो जाते हैं। सुरक्षा गार्डो ने आपस में तय किया है कि इस तरह की आए दिन हरकत करने वाले कर्मचारियों को पकड़ कर मेडिकल मुआयना कराया जाएगा और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की बात की जाएगी।