रेलवे ट्रैक पर दिखा कारखाने जैसा नजारा
सरायख्वाजा (जौनपुर): दुर्घटनाग्रस्त ट्रैक पर मरम्मत कार्य रात से ही युद्ध स्तर पर चला जो शुक्रवार को पूरे दिन जारी रहा। यहां रात का दृश्य ऐसा था कि मिहरांवा गांव शहर में तब्दील नजर आ रहा था। वहीं दिन भर मजदूरों की भारी संख्या और क्रेन-जेसीबी के अनवरत चल रहे काम को देखकर यह स्थान कोई बड़ा कारखाना लग रहा था।
विभागीय निर्देश के बाद ट्रैक मरम्मत का कार्य तेजी से शुरू कर दिया गया। आनन-फानन में स्टील के स्लीपर लाए गए और क्षतिग्रस्त पटरियों को ठीक कर उन्हें बिछाया गया और नए गार्डर मंगाकर पटरी का पूरी तरह से नवीनीकरण कर दिया गया। ट्रैक से नीचे उतरी तीन बोगियों को हटाने के लिए क्रेन व सहयोग के लिए दो जेसीबी की मशीनें मंगवाई गई थी। यहां कुल ढाई सौ से अधिक कर्मचारी लगाए गए थे जबकि जीआरपी व आरपीएफ के इतनी ही संख्या में जवान मुस्तैद थे। इस पूरी व्यवस्था को दुरुस्त करने में रेल महकमे के यांत्रिकी इंजीनियरिंग व यातायात के अधिकारी पूरी टीम के साथ जमे रहे। उधर इस कार्य की देखरेख कर रहे अधिकारी दिन रात टेन्ट डालकर कैम्प किए हुए थे।
खुदाई कर निकाला गया शव
खेतासराय (जौनपुर): पलटी बोगी के नीचे काफी अन्दर एक शव दबे होने की जानकारी होने पर काफी मशक्कत करनी पड़ी।
बोगी के नीचे जेसीबी से गहरी खुदाई की गई, फिर गड्ढे में सिविल व रेलवे पुलिस के जवान घुसे तब जाकर शव बाहर निकाला जा सका।
प्रसारित हुआ संदेश
खेतासराय (जौनपुर): रेलवे विभाग के उच्चाधिकारी इस बात को लेकर सशंकित रहे कि बोगियों के नीचे शव तो नहीं है। इसे लेकर राहत बचाव में लगे कर्मियों को ऐसा प्रयास करने का निर्देश भी दिया। हालांकि इसके लिए अभी तैयारी जारी है।
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