उपेक्षित है संस्कृत भाषा
रामनगर में संस्कृत दिवस पर गोष्ठी का आयोजन मछलीशहर (जौनपुर): रामनगर (घघरिया) में संस्कृत दिवस क
रामनगर में संस्कृत दिवस पर गोष्ठी का आयोजन
मछलीशहर (जौनपुर): रामनगर (घघरिया) में संस्कृत दिवस के अवसर पर बुधवार को संस्कृत संध्या व गोष्ठी का आयोजन किया गया। संस्कृत भाषा के प्रचार प्रसार के लिए मंथन किया गया।
संगोष्ठी में विद्वान वक्ताओं ने कहा कि देववाणी संस्कृत की महत्ता, क्षमता व सार्वभौमिकता किसी से छिपी नहीं है। लेकिन संस्कृत भाषा आज भी उपेक्षित है। समय आ गया है कि दुर्दशा के कारकों का पता लगाकर स्थिति बदलने का संकल्प लिया जाय। संस्कृत भाषा व भारतीय संस्कृति की क्षीण होती गौरव गरिमा को पुनस्र्थापित करने के लिए सशक्त अभियान चलाया जाय। इस क्रम में संस्कृत प्रचारिणी सभा के माध्यम से इस अभियान को गति प्रदान की जाय। संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में कवि कथाकार डॉ प्रेम शंकर द्विवेदी, रोहित पांडेय, गिरजेश मिश्र, हेमंत पांडेय, अनुराग द्विवेदी, बाबुलनाथ पांडेय, आशीष उपाध्याय, रोहित जायसवाल आदि ने विचार व्यक्त किया। अध्यक्षता रमारमण पांडेय निराला व संचालन डॉ मिथिलेश त्रिपाठी'मणि'ने किया।