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एक अगस्त से चलेगा हाउस होल्ड सर्वे

कैरीकेचर लगाएं स्कूल में पढ़ाने के बाद शिक्षक करेंगे चिन्हित जौनपुर: सर्व शिक्षा अभियान के तह

By Edited By: Published: Thu, 28 Jul 2016 10:53 PM (IST)Updated: Thu, 28 Jul 2016 10:53 PM (IST)
एक अगस्त से चलेगा हाउस होल्ड सर्वे

कैरीकेचर लगाएं

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स्कूल में पढ़ाने के बाद शिक्षक करेंगे चिन्हित

जौनपुर: सर्व शिक्षा अभियान के तहत स्कूल न जाने वाले बच्चों को चिन्हित करने के लिए एक अगस्त से हाउस होल्ड सर्वे अभियान चलाया जाएगा। यह कार्य विद्यालय के शिक्षक विद्यालय समय में पढ़ाने के बाद करेंगे।

अभियान में स्थानीय प्रशासन, श्रम विभाग, समाज कल्याण विभाग, आईसीडीएस, नगर विकास विभाग, माध्यमिक, विकलांग जन विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग, नगर पालिका, सिविल डिफेंस सोसायटी आदि का सहयोग लिया जाना है। रोटरी क्लब, लायंस क्लब तथा अन्य स्वयंसेवी संगठनों को भी अभियान में भागीदार बनाया जा सकता है।

सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक ने सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बैठक कराने का निर्देश दिया है। कहा है कि बैठक में अधिशासी अधिकारी भी अनिवार्य रूप से मौजूद रहें। उन्होंने 20 अगस्त तक चलने वाले अभियान की रूप रेखा तैयार करने को कहा है ताकि 6 से 14 वर्ष का कोई भी बच्चा छूटने न पाए। सर्वे कार्य में विद्यालय प्रबंध समितियों का सहयोग प्राप्त करना है।

कम नामांकन वाले विद्यालयों की तैयार होगी सूची

जौनपुर: प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कम नामांकन वाले तथा पांच से अधिक शिक्षकों वाले विद्यालयों की सूची तैयार की जाएगी। इसके लिए एक सप्ताह का समय निर्धारित किया गया है। आदेश की जानकारी होने पर जुगाड़ लगाकर मनचाहे विद्यालय पर नौकरी करने वाले शिक्षकों में हड़कंप है।

जनपद में बड़ी संख्या में परिषदीय विद्यालय हैं जहां छात्रों का नामांकन पचास से कम है। इन विद्यालयों में पढ़ाई के नाम पर खानापूर्ति कर शिक्षक भारी-भरकम वेतन ले रहे हैं। वहीं नगरीय इलाके से सटे क्षेत्रों के विद्यालयों में शिक्षकों की भरमार है। ऐसे शिक्षक जुगाड़ लगाकर मनचाहे विद्यालयों में तैनाती करा लिए हैं। जबकि पढ़ाई के नाम पर कुछ भी नहीं होता। सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक रमेश कुमार तिवारी ने सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकर पचास से कम नामांकन वाले विद्यालयों और पांच से अधिक संख्या वाले शिक्षकों के विद्यालयों की सूची मांगी है। इसके लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है। ऐसे चिन्हित विद्यालयों का आकस्मिक निरीक्षण कर कार्रवाई हेतु आख्या शिक्षा निदेशक को भेजा जाएगा। आदेश से उन तमाम शिक्षकों में खलबली मच गई है जो पढ़ाई के नाम पर कागजों का पेट भर रहे हैं।


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