पोषक तत्वों की कमी से पशुओं में बढ़ रहा बांझपन
जौनपुर: पोषक तत्वों की कमी व विभिन्न रोगों के चलते पशु बांझपन का शिकार हो रहे हैं। दुधारू नस्ल की
जौनपुर: पोषक तत्वों की कमी व विभिन्न रोगों के चलते पशु बांझपन का शिकार हो रहे हैं। दुधारू नस्ल की गाय व भैंस अधिक चपेट में आ रही हैं। संतुलित आहार व कृमिनाशक दवा देकर इस रोग से बचाया जा सकता है।
पशुओं को स्वस्थ रखने तथा दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए हरा चारा अति आवश्यक है। पशु इसे चाव से खाते और आसानी से पचाते हैं। इसमें विटामिन ए और खनिज अधिक मात्रा में मिलने से प्रजनन शक्ति के लिए भी यह महत्वपूर्ण है। खत्म हो रहे चारागाह और जमीन कम होने से हरे चारे का संकट उत्पन्न हो रहा है। दुधारू पशु हरा चारा व मिनिरल की कमी के चलते बांझपन का शिकार होते हैं। इससे पीड़ित अच्छी नस्ल के दुधारू पशु असमय स्लाटर हाउस पहुंच जाते हैं।
प्रभारी मुख्य पशु चिकित्साधिाकरी डा.एसएन ¨सह ने बताया कि हरे चारे व मिनिरल की कमी के चलते मवेशी बांझपन का शिकार हो रहे हैं। इसके अलावा पेट में पाए जाने वाला कृमि भी इसका प्रमुख कारक है। कभी-कभी योनि रोग से पीड़ित सांड़ व भैसों के संपर्क में आने से भी बांझपन का खतरा बढ़ जाता है। अधिक दूध देने वाले पशुओं में बांझपन 30 से 40 फीसदी तक होता है।
डा.¨सह ने बताया कि पीड़ित मवेशियों के बच्चों पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है। बच्चों में अंधता, विकलांगता के साथ ही गर्भधारण की क्षमता कम हो जाती है जिससे वह जन्मजात बांझपन का शिकार होते हैं। उन्होंने कहा कि पशुओं को प्रतिदिन अच्छी गुणवत्ता का खनिज मिश्रण देना चाहिए क्योंकि शरीर के आंतरिक क्रियाओं को सुचारू रूप से चलाने के लिए खनिज तत्व अनिवार्य होते हैं। उन्होंने ने बताया कि विभाग द्वारा कैंप लगाकर खनिज मिश्रण व कृमि नाशक दवाएं वितरित करने के साथ ही पशु पालकों को उचित परामर्श दिया जाता है।