बैठक बुलाकर नहीं आए डीेएम, भड़के सांसद
जौनपुर: विद्युत संकट जनपद का सबसे बड़ा मुद्दा है। इस समस्या से जहां जनता त्राहि-त्राहि कर रही है वहीं
जौनपुर: विद्युत संकट जनपद का सबसे बड़ा मुद्दा है। इस समस्या से जहां जनता त्राहि-त्राहि कर रही है वहीं दूसरी तरफ जनप्रतिनिधि व जिम्मेदार अधिकारी उदासीन हैं। इसका उदाहरण गुरुवार को डिस्टिक इलेक्ट्रिक सिटी की बैठक में देखने को मिला। इस अहम बैठक में अधिकांश जनप्रतिनिधि नहीं आए। संयोजक व जिलाधिकारी भानुचंद्र गोस्वामी भी न्योता देकर खुद गायब रहे। जिसे लेकर सांसद केपी ¨सह भड़क गए। डीएम के खिलाफ ¨नदा प्रस्ताव पारित कर शासन को पत्र भेजने का निर्णय लिया गया।
नगरीय क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति में सुधार व जर्जर संसाधनों को बदलने के लिए केंद्र सरकार द्वारा समन्वित विद्युत विकास योजना (आईपीडीएस) योजना लागू की गई है। इस योजना के तहत प्रस्ताव के अनुमोदन हेतु डिस्ट्रिक इलेक्ट्रिकसिटी कमेटी की बैठक होनी थी। कमेटी में जौनपुर सांसद अध्यक्ष, डीएम संयोजक, अधीक्षण अभियंता विद्युत सचिव व जिला पंचायत अध्यक्ष, विधायक, एमएलसी आदि सदस्य हैं।
सांसद की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में नगर पालिका जौनपुर के लिए 681.29 लाख रुपये, केराकत नगर पंचायत के लिए 593.88, जफराबाद टाउन के लिए 450.77, मड़ियाहूं के लिए www.13, खेतासराय के लिए 520.87 लाख, मछलीशहर के लिए 229.13, शाहगंज के लिए 354.58 लाख और मुंगराबादशाहपुर के लिए 218.08 लाख रुपये का प्रस्ताव प्रस्तुत कर स्वीकृति हेतु केंद्र सरकार को भेजा जाना था। जिलाधिकारी ने कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक के लिए कमेटी के सदस्यों को न्योता भेजा था। बैठक में सांसद केपी ¨सह, सांसद मछलीशहर के प्रतिनिधि विजय चंद पटेल, सदर विधायक नदीम जावेद के प्रतिनिधि खुर्शीद अनवर खान, कैबिनेट मंत्री पारसनाथ यादव के प्रतिनिधि श्याम बहादुर पाल, अधीक्षण अभियंता आरएन ¨सह को छोड़कर कोई भी जनप्रतिनिधि इस जनता की ²ष्टि से अहम बैठक में नहीं आया। सबसे हास्यास्पद स्थिति तो यह रही कि बैठक के संयोजक जिलाधिकारी भानुचंद्र गोस्वामी ही गायब रहे। विद्युत विभाग के अधिकारी करीब आधे घंटे तक उनके आने की बात कहते रहे। डीएम की कार्य प्रणाली पर सांसद केपी ¨सह भड़क गए। सदर विधायक के प्रतिनिधि खुर्शीद अनवर खान ने डीएम के कलेक्ट्र ट में मौजूद रहने की बात कहते हुए ¨नदा प्रस्ताव रखा जिसे सर्व सम्मति से पारित करते हुए उनके खिलाफ पत्र लिखने का निर्णय लिया गया।
32.70 करोड़ के कार्यो पर होना था अनुमोदन
समन्वित विद्युत विकास योजना के तहत स्वीकृत 32.70 करोड़ के प्रस्ताव पर अनुमोदन के लिए बैठक बुलाई गई थी। निम्न प्रमुख प्रस्तावों पर अनुमोदन होना था-
1- नगरीय क्षेत्र में उपकेंद्र निर्माण-03
2-पांच-पांच एमबी के अतिरिक्त ट्रांसफार्मर-02
3-ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि -42
4-ओवरलोड के निजात को लगने वाले नए ट्रांसफार्मर- 36
5- हाईटेंशन तार बदलने का कार्य- 33 किलोमीटर
संसद में उठेगा मामला
जनपद में विद्युत आपूर्ति सबसे प्रमुख समस्या है। एक तो जरूरत के अनुसार बिजली मिल नहीं रही है। जर्जर संसाधनों के चलते आपूर्ति में आए दिन व्यवधान आ रहा है। जनपदवासियों को संकट से निजात के लिए केंद्र सरकार ने आईपीडीएस योजना के तहत जर्जर संसाधनों के सुधार हेतु 32.70 करोड़ स्वीकृत हुआ है। प्रस्तावों के अनुमोदन हेतु आयोजित बैठक में बुलाकर जिलाधिकारी खुद नहीं है। यह जनप्रतिनिधियों का अपमान है। यह मामला संसद में उठाया जाएगा।
कृष्ण प्रताप ¨सह, सांसद जौनपुर
जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा मेरी मंशा नहीं
पुलिस अधीक्षक के साथ अर्जेंट मुद्दे पर विचार-विमर्श के चलते मैं बैठक में नहीं पहुंच सका। जिसके लिए खेद है। जनप्रतिनिधि सम्मानित हैं, इनकी उपेक्षा करना मेरी मंशा नहीं है। इसको अन्यथा न लिया जाए।
भानुचंद्र गोस्वामी, जिलाधिकारी