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लापरवाही उजागर होने पर भड़के प्रमुख सचिव

जौनपुर: प्रमुख सचिव पशुधन विभाग रजनीश गुप्ता ने बदलापुर स्थित डाक बंगले पर कामधेनु एवं मिनी कामधेनु

By Edited By: Published: Thu, 16 Apr 2015 08:25 PM (IST)Updated: Thu, 16 Apr 2015 08:25 PM (IST)

जौनपुर: प्रमुख सचिव पशुधन विभाग रजनीश गुप्ता ने बदलापुर स्थित डाक बंगले पर कामधेनु एवं मिनी कामधेनु योजना की समीक्षा किया। बैंक कर्मियों की लापरवाही उजागर होने पर जिम्मेदारों को फटकार लगाई। लापरवाही को लेकर भड़के प्रमुख सचिव ने शासन की मंशा के मुताबिक पात्रों को लाभ दिलाने की बात कही।

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सुल्तानपुर से चलकर प्रमुख सचिव डाक बंगले पर दोपहर पहुंचे। समीक्षा बैठक में जनपद में लागू की गई कामधेनु और मिनी कामधेनु योजना के प्रगति की स्थिति जानी। समीक्षा के दौरान सीवीओ डा.आईएच खान से लाभार्थियों के चयन के लिए कब-कब विज्ञापन और विज्ञप्ति प्रकाशित किया गया की जानकारी हासिल किया। लाभार्थियों के चयन के बाद गठित समिति द्वारा कब बैंकों को पत्रावली प्रेषित की गई, की भी जानकारी प्राप्त किया। कामधेनु योजना के लिए तनुज पांडेय के प्रकरण में विलंब से की गई स्वीकृति को लेकर नाराजगी जताया। उन्होंने लाभार्थियों की पत्रावलियों में बार-बार खामियां निकालने की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए बैँकों के जिम्मेदार अधिकारियों को फटकार लगाई। साथ उन्होंने बैंक अधिकारियों को एक ही बार में लाभार्थियों के पत्रावलियों में खामियों को सही कराने को कहा। लीड बैंक मैनेजर एमपी राय ने कामधेनु व मिनी कामधेनु योजना के तहत पुराने चयनित लाभार्थियों की पत्रावलियों को 30 अप्रैल और नये लाभार्थियों के पत्रावलियों को 15 मई तक स्वीकृत करने का भरोसा दिलाया। साथ ही बैंक में बुलाने पर भी न आने वाले लाभार्थियों की शिकायत किया। इस पर प्रमुख सचिव ने सीवीओ को निर्देशित किया कि वे लाभार्थियों को योजना के बारे में पूर्ण जानकारी दें।

बंद कमरे में हुई समीक्षा

प्रमुख सचिव पशुधन ने बंद कमरे में समीक्षा किया। प्रमुख सचिव के आने की भनक लगते ही अधिकारियों के साथ-साथ पत्रकार भी पहुंच गए। जिलाधिकारी ने पत्रकारों को बैठक की फोटो व खबर उपलब्ध कराने की बात कहते हुए दूर कर दिया। साथ ही बंद कमरे में समीक्षा बैठक पूरी कराई।

डीएम ने की शिकायत

समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी भानु चंद्र गोस्वामी भी बैंक अधिकारियों से खफा दिखे। उन्होंने प्रमुख सचिव को अवगत कराया बैंकों द्वारा लाभार्थियों के मार्जिन मनी के श्रोत की अनावश्यक जानकारी मांगी जाती है। इस पर प्रमुख सचिव ने बैंक के अधिकारियों को ऋण स्वीकृत करने के मामले में उदारता बरतने को कहा। साथ ही अनावश्यक रूप से परेशान न करने की हिदायत दी। प्रमुख सचिव ने योजना को लेकर डीएम द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना किया।


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