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हाकिमों पर गिरी गाज तो मातहतों में खलबली

जौनपुर: राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन योजना में हुए घोटाले में तत्कालीन चार सीएमओ समेत पांच लोगों

By Edited By: Published: Tue, 31 Mar 2015 10:16 PM (IST)Updated: Tue, 31 Mar 2015 10:16 PM (IST)

जौनपुर: राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन योजना में हुए घोटाले में तत्कालीन चार सीएमओ समेत पांच लोगों पर गिरी गाज की खबर से मातहतों में खलबली मच गई है। वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन स्वास्थ्य कर्मी एक-दूसरे से फोन कर जानकारी लेते रहे।

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एनआरएचएम में बड़े पैमाने पर हुए घोटाले की जांच सीबीआई 15 नवंबर 2011 से कर रही है। इस दौरान परिचारक से लेकर सीएमओ स्तर के अधिकारियों को कई बार वाराणसी स्थित कैंप कार्यालय, प्रदेश मुख्यालय व दिल्ली पूछताछ के लिए बुलाया गया। इतना ही नहीं खरीद-फरोख्त संबंधी पत्रावली लेकर भी कई बार बुलाया गया। सीबीआइ की टीम द्वारा सीएमओ कार्यालय से लेकर गांव स्तर के अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर जाकर भी पूछताछ की गई। गांवों में जाकर आशा कार्यकर्ताओं व पात्रों से भी संपर्क किया गया। जांच की जद में बाबू, चिकित्सक व अधिकारियों के आने की चर्चा भी कई बार उठी।

सीबीआइ द्वारा जनपद में तैनात रहे चार सीएमओ व एक डिप्टी सीएमओ के खिलाफ गाजियाबाद स्थित सीबीआई के विशेष अदालत में उपकरणों के खरीद-फरोख्त में लाखों की घपलेबाजी के आरोप में चार्जशीट दाखिल करने की खबर से महकमे में खलबली मच गई है। मार्च माह के अंतिम दिन स्वास्थ्य कर्मियों ने काम पर ध्यान कम देकर एक-दूसरे से घोटाले में फंसने वाले अन्य लोगों के बारे में जानकारी लेते रहे।

विभागीय सूत्रों के अनुसार महानिदेशक से लेकर सीएमओ कार्यालय स्तर पर हुई खरीद-फरोख्त व अन्य योजनाओं की ही सीबीआइ टीम द्वारा अभी तक जांच की गई है। यह प्रक्रिया सीएसची व पीएचसी तक पहुंची तो कई चिकित्सकों व कर्मचारियों का गर्दन फंदे में आ सकता है।

सीएमओ ने जताई अनभिज्ञता

मुख्य चिकित्साधिकारी डा.दिनेश यादव ने सीबीआई द्वारा चार्जशीट दाखिल करने के मामले में अनभिज्ञता जताई। कहा कि पूछताछ तो चपरासी से लेकर सीएमओ स्तर तक कई बार हुई है लेकिन जांच प्रक्रिया में कौन दोषी पाया गया इसकी उन्हें न तो जानकारी दी गई और न ही कोई अभी तक पत्र आया है।


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