पढ़ाई ही नहीं परीक्षा में भी खानापूर्ति
जौनपुर: परिषदीय स्कूलों में पढ़ाई ही नहीं परीक्षा के नाम पर भी खानापूर्ति की जा रही है। अधिकांश स
जौनपुर: परिषदीय स्कूलों में पढ़ाई ही नहीं परीक्षा के नाम पर भी खानापूर्ति की जा रही है। अधिकांश स्कूलों में जहां कोर्स पूरा नहीं हो पाया है वहीं वार्षिक परीक्षा कराने का फरमान तो आ गया है लेकिन बजट की व्यवस्था नहीं हुई है। ब्लैक बोर्ड पर प्रश्नपत्र लिख छात्रों की कापी पर परीक्षा संपन्न कराना मजबूरी होगी।
सीबीएसई की तर्ज पर परिषदीय स्कूलों का भी शिक्षण सत्र अप्रैल माह से शुरु करने का नया प्रयोग सरकार द्वारा किया जा रहा है। इसके लिए मार्च माह में ही वर्तमान सत्र समाप्त करना है। शीतावकाश व दो माह पूर्व परीक्षा कराए जाने के कारण अधिकांश स्कूलों में कोर्स अभी भी अधूरा है। जिन विद्यालयों में पूरा भी हुआ है वहां पढ़ाई के नाम पर कोरमपूर्ति की गई है। दूसरी तरफ परीक्षा की स्थिति भी पढ़ाई जैसी ही है। तिमाही, छमाही व मासिक टेस्ट जहां कागजों तक सीमित रहे वहीं वार्षिक परीक्षा भी खानापूर्ति साबित हो रही है।
बेसिक शिक्षा सचिव द्वारा भेजे गए पत्र के अनुसार राज्य शैक्षिक अनुसंदान एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा निर्मित माडल को वेबसाइड से 28 फरवरी तक डाउनलोड करके प्रश्नपत्र तैयार करना है। तीन से पांच मार्च तक क्रियात्मक मूल्यांकन संपन्न करना है। वार्षिक गृह परीक्षा की व्यवस्था छह से दस मार्च तक करनी है। परीक्षा का आयोजन व मूल्यांकन 11 से 25 मार्च के बीच संपन्न करा लेना है। परीक्षा का परिणाम 28 मार्च को घोषित कर देना है।
शासन द्वारा परीक्षा कराए जाने का फरमान तो आ गया है लेकिन किस मद से परीक्षा करानी है इसका कहीं जिक्र नहीं है। प्रधानाध्यापकों का कहना है कि इस बार विद्यालय के रख-रखाव आदि का भी पैसा नहीं आया कि उससे ही परीक्षा करा ली जाए।
प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष अमित ¨सह ने कहा कि कम समय मिलने के कारण शिक्षण कार्य प्रभावित हुआ है। उन्होंने कहा कि छात्रों से शुल्क लिया नहीं जाता और परीक्षा के लिए अलग से बजट नहीं है। ऐसे में जो व्यवस्था है उसी में परीक्षा संपन्न कराई जाएगी।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी परमहंस यादव ने कहा कि सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार परीक्षा संपन्न कराने का निर्देश दिया गया है। इसके लिए तैयारी की जा रही है।