स्वस्थ मिट्टी में ही बढ़ेगा उत्पादन
जौनपुर: देश में वर्ष 1980 के बाद खाद्यान्न में आत्मनिर्भरता आई है। लेकिन रासायनिक उर्वरकों के अंधाध
जौनपुर: देश में वर्ष 1980 के बाद खाद्यान्न में आत्मनिर्भरता आई है। लेकिन रासायनिक उर्वरकों के अंधाधुंध प्रयोग से मिंट्टी बीमार हो रही है। जिससे उत्पादन कम होने का खतरा मंडराने लगा है। मिंट्टी को स्वस्थ रखने के लिए जैविक उर्वरकों का अधिक से अधिक प्रयोग करना होगा। उक्त बातें मुख्य अतिथि अपर जिला अधिकारी वित्त एवं राजस्व गंगाराम गुप्ता ने शुक्रवार को कृषि भवन परिसर में मृदा जीर्णोद्धार एवं उत्पादकता वृद्धि विषयक कृषि गोष्ठी में कही।
श्री गुप्ता ने कहा कि देश की अर्थ व्यवस्था में कृषि का महत्वपूर्ण योगदान है। इसलिए उन्नति खेती पर ध्यान देना होगा। उत्पादन बढ़ेगा तो किसान खुशहाल होगा और तभी देश में खुशहाली आएगी। उन्होंने गोष्ठी में आए किसानों से मृदा की जांच कराकर विशेषज्ञों की संस्तुति के अनुसार उर्वरकों का प्रयोग करने और सरकार द्वारा चलाई जा रही लाभकारी योजनाओं का लाभ उठाने का आह्वान किया।
इफको के निदेशक राजकुमार त्रिपाठी ने सहकारिता को आगे बढ़ाने में सहयोग के लिए जिले के किसानों को बधाई दिया। कहा कि उनके सहयोग के लिए संस्था हमेशा तत्पर है। आह्वान किया कि मिंट्टी को स्वस्थ रखने के लिए जांच कराकर कम से कम उर्वरकों का प्रयोग करें।
इफको के राज्य विपणन प्रबंधक ने कहा कि मिंट्टी में जीवांश की मात्रा लगातार कम होती जा रही है। मृदा जीर्णोद्धार कार्यक्रम के तहत प्रत्येक गांव में दस पीएसएन कंपोस्ट बनाया जाए। उन्होंने कहा कि संस्था द्वारा मिंट्टी की जांच के लिए मोबाइल प्रयोगशाला चलाई जा रही है। जिसमें मिंट्टी की जांच की जाती है। उन्होंने इफको के संकट हरण बीमा योजना की भी जानकारी दिया।
गोष्ठी में उप निदेशक कृषि प्रसार आरके सिंह, इफको के क्षेत्रीय प्रबंधक आरके सिंह, जिला कृषि अधिकारी मनीष सिंह, एआर कोआपरेटिव वीके सिंह के अतिरिक्ति केबीके के वैज्ञानिक डा.सुरेश कन्नौजिया, डा.संदीप कन्नौजिया, डा.नरेंद्र सिंह रघुवंशी, कैलाश सिंह आदि ने किसानों को जानकारी दिया। क्षेत्र प्रबंधक डा.डीके सिंह ने आभार जताया।