आखिर कब मिलेगा गरीबों को सपनों का घर!
जौनपुर : नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) की तरफ से नगर निकायों में गरीबों को आसरा योजना के तहत घर मुहैया कराना है। डेढ़ साल से कभी प्रशासन का तो कभी शासन का रोड़ा बना हुआ है। इससे गरीबों के सपनों का घर नहीं तैयार हो पा रहा है। इसलिए वह आज भी झुग्गी-झोपड़ी में रहने को विवश हैं।
आसरा योजना के तहत नगरीय निकायों में बीपीएल परिवारों को आवास उपलब्ध कराना है। इसके लिए शुरुआत के एक साल में तहसील प्रशासन अड़ंगेबाजी करता रहा। जिसके द्वारा नगर निकायों में ईओ व एसडीएम भूमि नहीं उपलब्ध करा सके। इसके लिए सभी एसडीएम को डीएम ने गंभीर निर्देश भी दिया। तीन मीटिंगों के बावजूद मड़ियाहूं को छोड़कर कोई भी तहसील के एसडीएम भूमि नहीं उपलब्ध करा सके। यह भूमि भी मड़ियाहूं नगर पंचायत से बाहर काजीपुरा गांव में .23 हेक्टेयर मिली है। इसके लिए कार्यदायी संस्था सीएनडीएस वाराणसी को बनाया गया है। डूडा की सूचना पर सीएनडीएस ने भूमि का स्थलीय निरीक्षण कर डीपीआर तैयार किया। डूडा द्वारा शासन स्तर पर एक माह पहले डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट भेज दिया गया। जिसमें छह करोड़ 52 लाख 11 हजार की लागत से 144 आवास बनाए जाने है। अब शासन स्तर पर बजट पास होने में देरी हो रही है। वहीं अन्य तहसीलों के एसडीएम द्वारा आज तक भूमि उपलब्ध नहीं कराया जा सका है।
बजट आते ही कार्य होगा शुरू : पीओ डूडा
इस बाबत कार्यक्रम अधिकारी डूडा आरपी यादव ने बताया कि शासन को मड़ियाहूं की भूमि का प्रस्ताव भेजा गया है। बजट आते ही कार्यदायी संस्था सीएनडीएस से कार्य शुरू कराया जाएगा।