परियोजना की राह में भूमि का अड़ंगा
जौनपुर : नेशनल थर्मल पावर (एनटीपीसी) की स्थापना करना आसान नहीं होगा। वजह कि भूमि अधिग्रहण करने के लिए जौनपुर और भदोही जिले के किसानों को राजी करना होगा। विभागीय अधिकारियों की माने तो बात बनी तो फरवरी 2015 से काम भी शुरू हो जाएगा।
बरसठी विकास खंड के दक्षिणी छोर पर कुसा पुल के पास वरुणा नदी के तट और भदोही जनपद के सुरियावां इलाके को मिलाकर दो किमी में भूमि की आवश्यकता है। इसके लिए आरके गु्रप के डायरेक्टर राहुल कुमार बिंद के नेतृत्व में 14 सितंबर को सर्वे कार्य भी किया गया।
विदित हो कि इसके पहले भी कई वर्ष से एनटीपीसी जिले में भूमि की तलाश कर रही है। रामपुर, मछलीशहर से होते हुए केराकत तक भूमि की तलाश की गई। अंत में आकर सारे प्रयास फेल हो गए थे। कई वर्ष बाद फिर कवायद शुरू हुई है, किंतु भूमि अधिग्रहण की औपचारिकता पूरी करना आसान नहीं होगा। पावर प्लाट लगाने के लिए दो जिले के किसानों को राजी करना होगा, जो आसान नहीं है। वजह कि बिजली तैयार करने के बाद दो सौ किमी दूर भेजी जाएगी। जिसका लाभ स्थानीय लोगों को नहीं मिलेगा। यह अलग बात है कि भूमि अधिग्रहीत करने के एवज में किसानों को सरकारी दर से बीस गुना ज्यादा कीमत तथा अगले बीस वर्ष तक किसानों के खेत की उपज का उचित कीमत देने का निर्णय लिया है। साथ ही प्रति परिवार से योग्यता के आधार पर एक व्यक्ति को नौकरी देने की बात कह रहा है।