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रसोइयों की स्थिति मजदूरों से भी बदतर

By Edited By: Published: Thu, 21 Aug 2014 08:12 PM (IST)Updated: Thu, 21 Aug 2014 08:12 PM (IST)

जौनपुर: मिड-डे मील योजना के तहत प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्य कर रही रसोइयों की स्थिति वर्तमान में मजदूरों से भी बदतर है। उक्त बातें बहुजन क्रांति पार्टी महिला सभा की प्रदेश महासचिव गुड्डी शुक्ला ने गुरुवार को कलेक्ट्रेट में आयोजित धरना-प्रदर्शन के दौरान कही।

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आरोप लगाया कि न तो इनके काम व सेवा की कोई सुरक्षा है और न ही जीने लायक पारिश्रमिक दिया जाता है। कहा कि इनको मनमाने ढंग से विद्यालय में रखा व निकाला जाता है। यह स्थिति मानवाधिकार व विधिक परंपरा के खिलाफ है। जिला प्रशासन के जरिए राष्ट्रपति को भेजे ज्ञापन में हर वर्ष की चयन प्रक्रिया को समाप्त करने, रसोइयों के बच्चों को संबंधित विद्यालयों में पढ़ने की अनिवार्यता समाप्त करने, एमडीएम योजना को ठेकेदारी करने से रोकने, राजनीतिक द्वेष से रसोइयों को न हटाए जाने की मांग की गई।

इसके अलावा बढ़ती महंगाई को देखते हुए रसोइयों का मानदेय कम से कम पांच हजार रुपये प्रतिमाह किए जाने व महीने के प्रथम सप्ताह में भुगतान उनके निजी खाते में किए जाने की व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग की गई। ज्ञापन में रसोइयों को जीआईएस व जीपीएफ दिए जाने पर भी बल दिया गया। प्रदर्शन में उमाशंकर सरोज, आशा देवी सोहनी, राम अवतार सरोज, उर्मिला, राधिका, सुनील सरोज, मुन्नी, छाया, सरस्वती आदि मौजूद रहीं।


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