डिकोडिंग व रिजल्ट एजेंसी के कारण परिणाम में देरी
सरायख्वाजा (जौनपुर): वीर बहादुर सिंह पूर्वाचल विश्वविद्यालय के मुख्य परीक्षा का परिणाम निकलने में देरी का कारण डिकोडिंग व रिजल्ट की नई एजेंसी बनी हुई है। पहले तो डिकोड होने में समय लगा और हुआ भी तो नई एजेंसी होने के कारण पुराने रिकार्ड खोजने में समय चला गया। इससे 50 फीसद से अधिक छात्रों का परीक्षा परिणाम नहीं निकल सका है। इससे दूसरे विश्वविद्यालय व महाविद्यालय में प्रवेश के लिए आवेदन करने वाले छात्रों का साल बर्बाद हो रहा है।
विश्वविद्यालय से सम्बद्ध 473 कालेजों में 10 मार्च से शुरू हुई परीक्षा नौ मई को समाप्त हो गई। इसमें 4.82 हजार छात्रों ने परीक्षाएं दी। परीक्षा के बाद कुल 34 लाख कापियों का मूल्यांकन किया गया। पहले तो कोडिंग करने में देर किया गया। जिससे मूल्यांकन के लिए कापियां केंद्रों पर नहीं पहुंच पा रही थी। इसके बाद उसको डिकोड करने में काफी समय लगा दिया गया। मूल्यांकन 15 जुलाई तो डिकोडिंग का कार्य 25 जुलाई तक खत्म हुआ। अगर आकड़ों पर गौर किया जाए तो परीक्षा देने वाले कुल छात्रों के सापेक्ष आधे का भी परिणाम नहीं निकल सका। सूत्रों की माने तो अभी भी दो लाख से ऊपर तक के छात्रों का परीक्षा परिणाम नहीं आया है।
जल्द आने की संभावना वाले रिजल्ट सूत्रों की माने तो बीए प्रथम, द्वितीय, तृतीय वर्ष का परिणाम एक सप्ताह व एमए का एक दो दिन में आ जाएगा।
इन कक्षाओं का आया परिणाम विश्वविद्यालय की तरफ से एमएससी द्वितीय वर्ष रसायन व गणित, बीएससी बायोटेक्नालॉजी, बीएससी इंड्रस्टीयल केमेस्ट्री, बीएससी एजी अंतिम, बीएससी अंतिम, एमकॉम प्रथम, एमकॉम अंतिम, बीकॉम अंतिम, बीपीई तृतीय वर्ष का परिणाम निकाला दिया गया है।
इन कक्षाओं का नहीं आया परिणाम बीए प्रथम, द्वितीय, तृतीय, एमए प्रथम, द्वितीय, बीएससी प्रथम, द्वितीय, एमएससी प्रथम, बीकॉम प्रथम, द्वितीय वर्ष का परिणाम नहीं आया है। जिससे सबसे अधिक बीए के छात्रों का परिणाम है।
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आ रही है व्यावहारिक समस्या : परीक्षा नियंत्रक
इस बाबत परीक्षा नियंत्रक डा.देवराज ने बताया कि परीक्षा परिणाम निकालने में व्यावहारिक दिक्कतें आ रही है। अगले हफ्ते तक परिणाम आ जाएगा। इसके लिए बैठकें चल रही है।