फर्जी अनुरोध पर निदेशालय से हो गया तबादला
अंकुर शुक्ला
जौनपुर : जिले का समाज कल्याण विभाग एक बार फिर चर्चा में आ गया है। पहले जहां एक अधिकारी के छात्रवृत्ति घोटाले में फंसने से विभाग का नाम सुर्खियों में रहा तो अब फर्जी अनुरोध पर एक बाबू का स्थानांतरण किए जाने के आदेश से। यह तबादला निदेशालय से किया गया है।
जिला समाज कल्याण विभाग में तैनात वरिष्ठ सहायक राधाकृष्ण पांडेय का तबादला आजमगढ़ जनपद के लिए हो गया है। यह स्थानांतरण निदेशालय से उन्हीं के अनुरोध पर किया गया। इस आशय का आदेश उन्हें 11 जुलाई को प्राप्त हुआ तो वे अवाक रह गए। वजह उन्होंने उक्त अनुरोध किया ही नहीं था। 17 जुलाई को जिला समाज कल्याण अधिकारी को पत्र के माध्यम से इसकी जानकारी दिया। इसके बाद विभाग फिर सुर्खियों में आ गया। जिला समाज कल्याण अधिकारी ने भी इस आशय का पत्र निदेशालय भेज दिया।
फर्जी अनुरोध करने वाले कौन
निदेशालय के इस पत्र ने विभाग को फिर से सुर्खियों में ला दिया है। मामले के प्रकाश में आने के बाद सवाल उठना शुरू हो गया है। यदि वरिष्ठ सहायक की बात सही है तो सवाल उठता है कि आखिर वे फर्जी हस्ताक्षर कर अनुरोध करने वाले कौन है। क्या इस बात का पता लगाने के लिए विभाग कोई निर्णय लेगा।
कइयों की नजर पर चढ़ा था बाबू
वरिष्ठ सहायक राधाकृष्ण पांडेय जिले में सात अगस्त 2012 से तैनात है। कई महत्वपूर्ण कार्य की जिम्मेदारी भी उन्हीं के पास है। इसके कारण वे हमेशा कइयों की नजरों पर चढ़े थे।
तीन दिन की है मोहलत
नियमों के मुताबिक किसी आदेश को 15 दिन तक ही रोका जा सकता है। यदि उस आदेश पर आपत्ति है तो उसका निबटारा 15 दिन के अंदर ही होना आवश्यक है। यदि यह नियम निदेशालय के आदेश पर भी लागू किया गया तो 26 जुलाई तो उक्त बाबू को कार्यमुक्त करना होगा। वजह स्थानांतरण का आदेश 11 जुलाई को ही बाबू को प्राप्त हो गया है। अब यह भी देखना होगा कि क्या इस नियम का पालन किया जाएगा या फिर तब-तक निदेशालय से कोई आदेश जारी किया जाएगा।
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वरिष्ठ सहायक राधाकृष्ण पांडेय ने मुझे इस आशय का प्रार्थना पत्र दिया है। जिसे मैने निदेशालय भेज दिया है। जहां से जो आदेश प्राप्त होगा उसी आधार पर कार्यवाही की जाएगी।
-केके त्रिपाठी, जिला समाज कल्याण अधिकारी।