सीएचसी के लिए नहीं मिल रहे स्वास्थ्य कर्मी
प्रदीप सिंह
जलालपुर (जौनपुर) : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को चालू करने के लिए स्वास्थ्य कर्मी नहीं मिल रहे हैं। निर्माण के आठ साल बाद बेड पहुंचा वह भी बिना नट-बोल्ट के। विभाग द्वारा चिकित्सकों की कागज पर नियुक्ति होने के बाद भी जनता को स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं।
सुदूर ग्रामीणांचल में आम जनता को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए करोड़ों रुपये लागत से खैराती अस्पताल खोले जा रहे हैं। लेकिन इसका कितना लाभ आम जनता को मिलता है इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रेहटी। दो करोड़ 62 लाख रुपये की लागत से बने इस अस्पताल का लोकार्पण 15 जनवरी 2008 को तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती के जन्म दिन पर पूर्व कैबिनेट मंत्री जगदीश नारायण राय ने किया था। इस मौके पर मौजूद तत्कालीन डीएम, एसपी, सीएमओ सहित अधिकारियों ने अपने लंबे-चौड़े भाषण में जनता को समर्पित हो रहे इस अस्पताल से मिलने वाले लाभ को बताते हुए सरकार की उपलब्धियां भी गिनाई थीं।
अस्पताल का लोकार्पण हो जाने के बाद जनता में यह उम्मीद जगी थी कि अब उपचार के लिए उन्हें नीम-हकीम चिकित्सकों के यहां भटकना नहीं पड़ेगा लेकिन उन्हें क्या पता था कि उनके अरमानों पर स्वास्थ्य विभाग पानी फेर देगा।
चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों की कमी बताकर स्वास्थ्य विभाग आज तक जनता को चिकित्सकीय सेवा मुहैया नहीं करा पाया है जबकि इसके लिए कई बार धरना-प्रदर्शन व आंदोलन भी किया गया। इतना ही नहीं जनप्रतिनिधि भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार अस्पताल पर प्रभारी चिकित्साधिकारी सहित पांच चिकित्सकों व कर्मचारियों की कागजों पर नियुक्ति की गई है लेकिन इनमें किसी का दर्शन नहीं होता। इतना ही नहीं अस्पताल में चिकित्सा से जुड़े संसाधनों व पेयजल आदि की भी व्यवस्था नहीं है। लोकार्पण के छह साल बाद 18 अप्रैल को 30 बेड पहुंचा वह भी बिना नट और बोल्ट के। बेड के साथ दस लकड़ी का टेबल, 15 प्लास्टिक की कुर्सियां भी आई हैं।
स्टाफ बढ़ेगा तो मिलेगी सुविधा
जौनपुर : मुख्य चिकित्साधिकारी डा.पीएन रावत ने कहा कि चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों की कमी के चलते अस्पताल चालू नहीं किया गया है। स्टाफ बढ़ने पर जनता को सेवा मिलनी शुरू हो जाएगी।